दालों की बढ़ती कीतमों पर अंकुश लगाने के लिए एक्शन में केंद्र सरकार
देश में दालों (Pulses) की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने बड़ा एक्शन लिया है. इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) दालों का इंपोर्ट (Import of Pulses) यानी आयात बढ़ाने जा रही है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी डीजीएफटी (DGFT) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उड़द और अरहर (तुअर) का इम्पोर्ट कोटा लिस्ट जारी की है. जिसमें सरकार की तरफ से चार लाख टन अरहर (Arhar) इम्पोर्ट करने की मंजूरी देने की जानकारी सामने आई है. इसके अलावा करीब 1.5 लाख टन उड़द (Urad) इम्पोर्ट करने की भी इजाजत मिली है.
कारोबारियों को 15 नवंबर तक 4 लाख टन अरहर का इम्पोर्ट करना होगा. डीजीएफटी (DGFT) के तहत आने वाले रीजनल अथॉरिटी को अर्जेंट बेसिस पर एप्लीकेंट्स को लाइसेंस जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.
इन कदमों से सरकार ऐसेे कर सकती है दालों की कीमते कम
(1) सितंबर में शुरू की गई नई व्यवस्था के तहत थोक के साथ साथ खुदरा पैकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बफर स्टॉक से राज्यों को दालों की पेशकश की जा रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अरहर और उड़द की खरीफ की फसल के कटाई का समय नजदीक आने के बावजूद पिछले एक पखवाड़े में दालों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
(2) सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "इन दालों की खुदरा कीमतें पिछले साल की तुलना में न केवल अधिक बनी हुई हैं, बल्कि हाल ही में इसमें और उछाल भी भी आया है." पिछले वर्ष की तुलना में सोमवार को अरहर और उड़द की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में क्रमश: 23.71 प्रतिशत और 39.10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.