वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन, इको टूरिज्म को बढ़ावा देने शुरू हो रही है 'ओडीओडी' योजना

By Tatkaal Khabar / 30-07-2022 11:14:03 am | 9484 Views | 0 Comments
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लखनऊ, 30 जुलाई: तराई में बसे सीमावर्ती सिद्धार्थनगर जिले की बात हो तो महात्मा गौतम बुद्ध और कालानमक की याद आनी स्वाभाविक ही है। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि सिद्धार्थनगर जाइये तो मनोहारी 'मझौली सागर' भी देखिये, तो बहुत संभव है कि आप आश्चर्य में पड़ जाएं। कुछ ऐसा ही आश्चर्य आजमगढ़ में 'बढ़ेला ताल' और जौनपुर के 'घूमर ताल' की बात पर भी हो सकता है। लेकिन बहुत जल्द प्राकृतिक सुरम्यता से परिपूर्ण ऐसे अनेक क्षेत्र इको पर्यटन के मानचित्र पर देखने को मिलेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग प्रदेश के हर जिले से ऐसे संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर रहा है जिनको 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन' (ओडीओडी) के अंतर्गत विकास किया जाएगा, जिससे यह जगह पर्यटन से कदमताल मिला सकें। अब तक 56 जिलों में ऐसे स्थल चिह्नित किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने अपना ध्यान हर जिले की विशिष्टताओं उभार उसको रोजगार व आय के साधन के तौर पर विकसित करने पर केंद्रित किया है। इसी कड़ी में ओडीओपी के तहत हर जिले से एक उत्पाद चिह्नित कर उसके उत्पादन , पैकेजिंग एवं बैंडिंग पर ध्यान दिया गया। उत्पादों के साथ ही हर क्षेत्र की पर्यटन व सांस्कृतिक विशेषताओं को भी बाजार व आय से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है। ओडीओडी इसका ही हिस्सा है। *पर्यटन भी, पर्यावरण संरक्षण भी:* वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यूपी में इको टूरिज्म के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। हर जिले का स्थान विशेष प्राकृतिक, पर्यावरणीय या वन्य पर्यटन के लिहाज से मुफीद है। इन स्थलों को आपस में जोड़ा जाए तो यह पिकनिक या वन-डे-टूअर के तौर पर पर्यटकों को लुभा सकते हैं। वहीं, स्थानीय स्तर भी पिकनिक आउटिंग की मुफीद जगह के तौर पर विकसित हो सकते हैं। ऐसे में ओडीओडी या तहत ऐसे ही जगहों को चयनित कर उन्हें विकसित किया जाएगा। इसके लिए इको टूरिज्म बोर्ड भी बनाया जा रहा है। *ऐसे बदलेगी तस्वीर* अब तक मऊ, शाहजहांपुर, बस्ती, हाथरस, हमीरपुर, अमेठी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, फतेहपुर, जौनपुर, कौशांबी, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कानपुर, गोरखपुर सहित 56 जिलों से स्थल चिह्नित कर उसके प्रस्ताव शासन विभाग और वन विभाग विकास को भेजे जा चुके हैं। इन स्थलों का पर्यटन चयनित स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं मसलन रेस्ट रूम, सड़क, बिजली, पानी, शौचालय, रेस्ट रूम के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। इसके बाद इन्हें पर्यटन डायरेक्ट्री में शामिल किया जाएगा।