कल है साल का आख़िरी चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर 2022 मंगलवार को लगेगा जो सांय 17:28 बजे से 19:26 बजे तक चलेगा

By Tatkaal Khabar / 07-11-2022 02:40:00 am | 17875 Views | 0 Comments
#

मंगलवार, 8 नवम्बर 2022 कार्तिक पूर्णिमा के दिन चन्द्रग्रहण का सूतक प्रातः 8/28 से प्रारम्भ होना है चन्द्रग्रहण सायं 5/28 से 6/18 बजे लगेगा। मन्दिरों देवालयों के कपाट प्रातः 8/28 से ग्रहण के सूतक से पर्व काल शाम को 6/18 बजे तक बन्द रहेंगे। इसलिये कार्तिक माह की कथाओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समापन भोग सोमवार 8 नवम्बर 2022 को प्रातः 8/28 से पूर्व होगा।* *कार्तिक पूर्णिमा व्रत प्रदोष काल व्यापिनी पूर्णिमा को 7 नवम्बर को होगा, पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 16/19 पर होगा। कार्तिक स्नान और चन्द्र ग्रहण के का तीर्थ दर्शन और स्नान ग्रहण काल में 8 नवम्बर को होगा।* सूतक काल में क्या करें क्या ना करें ग्रहण 2022 के सूतक काल के दौरान जितना सम्भव हो कम बोलें और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाएं। भगवान का ध्यान करें, उनकी पूजा करें, इत्यादि। सूतक काल के दौरान ग्रहण से संबंधित ग्रह की शांति के लिए पूजा करें, पाठ करें, और मंत्रों का जप करें। सूतक काल के समय जितना सम्भव हो योग और ध्यान करें। ऐसा करने से आपकी मानसिक शक्ति का विकास होगा और आप खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के दुष्प्रभाव से भी बचा सकेंगे। सूतक काल में भोजन नहीं बनाएं और अगर खाना बना लिया है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र मंत्रों का जप करें और सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य मंत्रों का स-परिवार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें जब सूतक काल समाप्त हो जाए तो घर को साफ करें, दोबारा पूजा पाठ करें, और स्नान करें। ग्रहण समाप्त होने पर घर पर और पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और घर को शुद्ध करें। साथ ही सूतक काल में किसी भी गर्भवती महिला को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर न पड़े। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। सूतक काल चल रहा हो तो सोने से बचें। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में किसी भी पवित्र मूर्ति को छूना अत्यंत अशुभ माना जाता है। इस दौरान काम या क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों को अपने मन में घर न आने दें। साथ ही इस समय अवधि के दौरान मल, मूत्र और शौच जैसे कार्य करना भी वर्जित है। साथ ही इस दौरान चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना भी मना है। चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं " ॐ नम: शिवाय ,, मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्. इस मंत्र का जप करे सूतक काल ... ग्रहण लगने से पहले की समय अवधि को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक कहते हैं। इस समय अवधि में किसी भी तरह का कोई भी शुभ काम या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। कहते हैं यदि इस सूतक काल के दौरान व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य करता है, या नया काम शुरू करता है, या मांगलिक कार्य करता है, तो उसे शुभ फल की जगह अशुभ फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के सूतक काल में किसी भी तरह का हो शुभ कार्य करने का निषेध होता है। सूर्य ग्रहण घटित होने से ठीक 12 घंटे पहले से उसका सूतक काल शुरू हो जाता है और सूतक काल ग्रहण समाप्त होने के बाद समाप्त होता है। इसी तरह जब चंद्र ग्रहण के सूतक काल की बात करते हैं तो चंद्र ग्रहण का सूतक चंद्र ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है और चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद तक समाप्त हो जाता है। देव दीपावली पर लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण इस साल का पहला चंद्र ग्रहण मई महीने में लगा था और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने वाला है। इसी दिन देव दीपावली का त्योहार भी है। चंद्र ग्रहण और इसके सूतक के प्रभाव को देखते हुए ज्योतिष और विद्वानों के अनुसार देव दीपावली का पर्व एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को मनाने का निर्णय लिया गया है। ॐ नमः शिवाय