कल है बुध प्रदोष व्रत, अभी नोट करें पूजन का उत्तम मुहूर्त
हिंदू धर्म में शिव शंकर की साधना आराधना के लिए कई सारे व्रत त्योहार समर्पित हैं लेकिन इन सभी में प्रदोष व्रत बेहद खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आता है। अभी अश्विन मास चल रहा है और इस माह का पहला प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की अपार कृपा बरसती है और कष्टों में कमी आती है।
बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। अगर आप शिव को शीघ्र प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बुध प्रदोष व्रत की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त बता रहे हैं जिसमें शिव साधना भक्तों को पूर्ण फल प्रदान करती है। अश्विन बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त— धार्मिक पंचांग के अनुसार बुध प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट से आरंभ हो रहा है जिसका समापन 12 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 53 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में आप इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना कर सकते हैं।
इस दिन भक्त भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए दिनभर का उपवास रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं इस दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत पूजन का संकल्प करती है और शिव साधना में लीन हो जाती है इस व्रत को करने से घर में सुख शांति व समृद्धि का आगमन होता है।