..राज्यसभा में जया बच्चन पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़, बोले,बस बहुत हुआ,- आपको अनुशासन समझना चाहिए

By Tatkaal Khabar / 09-08-2024 08:42:39 am | 1662 Views | 0 Comments
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राज्यसभा में हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. इस घटना ने सदन में एक गंभीर बहस का माहौल पैदा कर दिया. जया बच्चन ने राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनसे अनुचित और अस्वीकार्य लहज़े में बात की, जो उनके लिए अपमानजनक था.

जया बच्चन ने सदन में अपनी बात रखते हुए धनखड़ के लहज़े पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, "मैं एक कलाकार हूं, मैं शारीरिक भाषा और भावनाओं को समझती हूं. लेकिन आपका लहज़ा सही नहीं है. हम आपके सहयोगी हैं, लेकिन आपका लहज़ा अस्वीकार्य है."
धनखड़ ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भले ही जय बच्चन एक मशहूर हस्ती हैं, लेकिन सदन में शिष्टाचार और अनुशासन का पालन सभी के लिए अनिवार्य है. उन्होंने कहा, "जय जी, आपने बड़ी प्रतिष्ठा अर्जित की है. आप जानती हैं कि एक अभिनेता निर्देशक के अधीन होता है. लेकिन हर दिन, मैं खुद को दोहराना नहीं चाहता. हर दिन मुझे स्कूलिंग नहीं करनी चाहिए. आप मेरे लहज़े के बारे में बात कर रही हैं? बस बहुत हुआ. आप जो भी हो, आपको अनुशासन को समझना चाहिए. आप एक सेलिब्रिटी हो सकती हैं, लेकिन शिष्टाचार को स्वीकार करना होगा."

इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी सांसदों ने भी जय बच्चन का समर्थन किया और अध्यक्ष के खिलाफ विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया. इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा, "यह अनुशासन की कमी है. आप अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे हैं."

इस पूरे विवाद के बाद, राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जय बच्चन के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश किया.

यह घटना भारतीय राजनीति में उच्च सदन में सभ्यता और अनुशासन की आवश्यकता को रेखांकित करती है. यह स्पष्ट है कि चाहे कोई कितना भी प्रतिष्ठित हो, सदन के नियम और मर्यादाओं का पालन सभी को करना चाहिए. यह घटना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है और संसद के कार्यप्रणाली पर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है.