बिरसा मुंडा 150वीं जयंती: PM मोदी ने बिहार के जमुई से 'साधा' झारखंड, लूट ली आदिवासी समाज की वाहवाही
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में भले ही बिहार के जमुई में भाग लिया हो, लेकिन वह बिहार की धरती से पड़ोसी राज्य झारखंड को साध गए।
झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहा है। इस चुनाव में पहले चरण का मतदान हो चुका है, जबकि दूसरे चरण के मतदान को लेकर सभी दल जोर लगा रहे हैं। इस बीच, आदिवासी समाज मे भगवान का दर्जा रखने वाले बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जमुई पहुंच कर विकास योजनाओं के जरिए आदिवासी मतदाताओं को साधने की कोशिश की।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नीत एनडीए झारखंड चुनाव में आदिवासी मतदाताओं को रिझाने के लिए हर दांव पेंच को अपना रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह राजनीतिक दांव काफी सधा माना जा रहा है। इस समारोह के लिए बनाए गए मंच पर बिरसा मुंडा और सिद्धू कान्हू के वंशज की उपस्थिति से भाजपा ने यह संदेश भी देने में सफल रही कि वह स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की वीरगाथा को नहीं भूलने देगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 6640 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमे कई योजनाएं सीधे तौर पर आदिवासी समाज से जुड़ी हैं। इस दौरान पीएम जन-मन के तहत 11 हजार घरों के गृह प्रवेश में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी साबित करने की कोशिश की कि अब तक आदिवासी समाज के शहीदों को वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके वे हकदार हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर भी लिया।
इस दौरान उन्होंने आदिवासी समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम भी गिनाए। बताया जाता है कि झारखंड की राजनीति में आदिवासी समाज का दबदबा रहा है। आदिवासी समाज के मतदाता सरकार का रुख तय करते हैं। बताया जाता है कि झारखंड में आबादी की 25 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी आदिवासी समाज की है।
गौरतलब है कि पिछली बार पीएम बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली उलिहातू पहुंचे थे। इधर, जनजातीय गौरव दिवस में पीएम मोदी अलग अंदाज में भी दिखे। समारोह में पीएम की भागीदारी से आदिवासी समाज के लोग खुश दिखे।