मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 51 प्रयागराज कुम्भ शटल बसों को और जनता दर्शन हाल एवं नवनिर्मित काॅन्फ्रेंस रूम का बटन दबाकर लोकार्पण किया

By Tatkaal Khabar / 29-10-2018 02:52:13 am | 10419 Views | 0 Comments
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लखनऊ: 29 अक्टूबर, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोगांे को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए कृतसंकल्पित है। यात्राएं आदिकाल से विकास का प्रमुख कारक रही हैं। सांस्कृतिक जड़ें हमारे देश की आत्मा हैं। इसके दृष्टिगत देश, प्रदेश और समाज की प्रगति और विकास के लिए बेहतर परिवहन सेवाएं बहुत आवश्यक हैं। बेहतर परिवहन साधनों की वजह से आवागमन सरल और सहज होता है। परिवहन के साधनों से आर्थिक गतिविधियां तो सुगम होती ही हैं, साथ ही, सांस्कृतिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अतंर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम एवं सुदृढ़ बनाने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्यों के मध्य पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किये। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 51 प्रयागराज कुम्भ शटल बसों व 03 सी0एन0जी0 बसों को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत एक सम्प्रभु राज्य है, दो राज्यों के मध्य यह करार इस बात को सिद्ध भी करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश साझी विरासत और परम्परा से जुड़े हैं। इन दोनांे राज्यों के मध्य धार्मिक एवं सामाजिक सम्बन्धों में काफी प्रगाढ़ता रही है। इसके साथ ही, दोनों राज्यों की शैक्षिक संस्थाओं एवं सांस्कृतिक धरोहरों में दोनों राज्यों के लोगों की पारस्परिक अभिरुचि भी असीम है। उन्होंने ने कहा कि यह परिवहन समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अतर्राष्ट्रीय परिवहन का बढ़ावा देने का काम भी कर रही है। इसके दृष्टिगत नेपाल तक भी बस सेवा संचालित है। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन विभाग को पी0पी0पी0 माॅडल पर काम करने की आवश्यकता है। इससे जहां आमजन को बेहतर परिवहन सेवायें मिल सकेंगी वहीं परिवहन विभाग का भी लाभांश बढ़ेगा। उन्हांेने कहा कि परिवहन विभाग को पुलिस व लोक निर्माण विभाग के साथ समन्वय कर यातायात से जुड़े जागरुकता के कार्यक्रम चलाने चाहियें। इससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। संवाद समाधान का सबसे अच्छा रास्ता है। उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के मध्य कई विवाद थे, उन सभी विवादों का निस्तारण विराट सोच का परिणाम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने नवीनीकृत जनता दर्शन हाल एवं नव निर्मित काॅन्फ्रेंस रूम का बटन दबाकर लोकार्पण किया। 
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के सकरात्मक रुख के कारण यह समझौता सम्भव हो सका। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का उत्तर प्रदेश से धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक व भावनात्मक नाता है।
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार परिवहन सुविधाओं की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है। आदरणीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने के लिए संकल्पित है।
इससे पूर्व, उत्तराखण्ड सरकार के सचिव परिवहन  शैलेश बगौली और उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव परिवहन सुश्री आराधना शुक्ला ने मुख्यमंत्री के समक्ष अभिलेखों का आदान-प्रदान किया।
इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्रीआशुतोष टंडन,  एस0पी0 सिंह बघेल, डाॅ0 महेन्द्र ंिसंह, मोहसिन रजा,  नन्दगोपाल गुप्ता नंदी,  मन्नू लाल कोरी तथा उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री  यशपाल आर्य, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अध्यक्ष  संजीव सरन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि इस समझौते से दिल्ली-ऋषिकेष, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-कोटद्वार, दिल्ली-हल्द्वानी, दिल्ली-हरिद्वार, मथुरा-हरिद्वार, आगरा-सहारनपुर-देहरादून, आगरा-मेरठ-ऋषिकेश, मुरादाबाद-हल्द्वानी, मुरादाबाद-हरिद्वार-सहारनपुर,अलीगढ़-हल्द्वानी, बरेली-हरिद्वार, लखनऊ-देहरादून, कानपुर-ऋषिकेश, बहराईच- रूपैडिहा-हरिद्वार, वाराणसी-लखनऊ-बरेली-हरिद्वार, मथुरा-जयपुर  -मथुरा-हरिद्वार, दिल्ली- मुरादाबाद-बनबसा-महेन्द्रनगर(नेपाल), आदि स्थान सीधे बस सेवाओं से जुड़ जाएंगे। इस समझौते के तहत 216 मार्गों पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में प्रतिदिन कुल 13,9071 किमी0 तथा उत्तराखण्ड राज्य परिवहन निगम द्वारा उत्तर प्रदेश के 335 मार्गों पर प्रतिदिन कुल 252592 किमी0 का संचालन किया जाएगा।