Sankashti Chaturthi Muhurat : 12 मार्च 2020 को श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी

By Tatkaal Khabar / 11-03-2020 03:51:59 am | 35597 Views | 0 Comments
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चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है। 12 मार्च को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी है। यह चतुर्थी हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आती है।

भगवान गणेश को प्रसन्न करने का दिन है संकष्टी चतुर्थी। इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के विघ्‍न दूर होते हैं। भगवान गणेश की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है।


पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस माह संकष्टी चतुर्थी व्रत 12 मार्च, गुरुवार को है।


इस दिन सुबह उठ जाना चाहिए। स्‍नान के बाद भगवान गणेश का ध्‍यान करें। व्रत का संकल्‍प लें। इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। गणपति अथर्वशीर्ष और गणेश चालीसा से विनायक की
पूजा करें। उन्‍हें लाल और पीले फूल अर्पित करें।


शुभ मुहूर्त काल में पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल, धूप, चन्दन, केला या नारियल अर्पित करें। गणपति को रोली लगानी चाहिए। व्रत कथा पढ़ें।
भगवान गणपति को मोदक का भोग लगाएं। व्रत में केवल फलाहार करें। रात को चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर व्रत खोला जाता है।

इस चतुर्थी पर कई क्षेत्रों में 21 लड्डू बनाए जाते हैं और उनमें से एक लड्डू नमक का बनता है। उपवास खोलते समय यही लड्डू खाने होते हैं और जब नमक का लड्डू आ जाए तो फिर खाना बंद कर देना चाहिए। मान लीजिए पहली बार में ही नमक का लड्डू आ जाए तो फिर बाकी के 20 लड्‍डू गरीब बच्चे या कोई भी छोटे बालक को दे देना चाहिए। इसी तरह जब तक नमक का लड्डू न आए खाते रहना चाहिए।


गणेश मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्.
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्

शुभ मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी 12 मार्च, गुरुवार को 11:58 बजे आरंभ होगी और 13 मार्च, शुक्रवार को 8:50 बजे तक रहेगी।

चंद्रमा उदय रात 9:41 बजे पर होगा।