कोरोना वायरस से देश को मुक्ति कब मिलेगी। ....ग्रहो की चाल क्या कहती है। -ज्योतिषाचार्य कुशेश्वर महाराज..
लखनऊ : पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खौफ में हैं। चीन, इरान, इटली के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है। भारत में इस वायरस से पीड़ित करीब 900 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। परंतु इससे छुटकारा कब मिलेगा शायद इसका जवाब किसी के पास नहीं है। ऐसे में ज्योतिषशास्त्र की मदद से हम ग्रहों की स्थिति को जानकर इस वायरस व शेयर बाजार में मजबूती का पता लगा सकते हैं। आखिर कब तक हमें इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। तो आइए जानते हैं कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के करीब 188 से अधिकज्योतिष में राहु और केतु दोनों को संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरस) इंफेक्शन से होने वाली सभी बीमारियों और छिपी हुई बीमारियों का ग्रह माना गया है। बृहस्पति जीव और जीवन का कारक ग्रह है जो हम सभी व्यक्तियों का प्रतिनिनधित्व करता है इसलिए जब भी बृहस्पति और राहु या बृहस्पति और केतु का योग होता है तब ऐसे समय में संक्रामक रोग और ऐसी बीमारिया फैलती हैं जिन्हें चिहि्नत करना अथवा समाधान कर पाना बहुत मुश्किल होता है पर इसमें भी खास बात ये है कि राहु के द्वारा होने वाली बीमारियों का समाधान आसानी से मिल जाता है, लेकिन केतु को एक गूढ़ और रहस्यवादी ग्रह माना गया है इसलिए जब भी बृहस्पति और केतु का योग होता है तो ऐसे में इस तरह के रहस्मयी संक्रामक रोग सामने आते हैं जिनका समाधान आसानी से नहीं मिल पाता और ऐसा ही हो रहा है इस समय कोरोना वायरस के केस में।.... आचार्य कुशेश्वर देशों में फैल चुका है। इसकी शुरुआत तब से हुई जब धनु राशि में पड़े ग्रहण के बाद चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने अब वैश्विक महामारी का ले लिया है। वहीं धनु राशि में बृहस्पति की केतु के साथ युति बन रही है। जिसके कारण समस्त जीव इससे पीड़ित हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार 5 सेप्टेंबर गुरु देव धनु राशि में प्रवेश किए हैं जहां केतु पहले से विधमान है ज्योतिष शास्त्र की भाषा में गुरु को जीवात्मा माना जाता है केतु को सूक्ष्म वायरस के रूप में हम लोग देखते हैं यानी जीब वायरस के साथ ।यानी इसका प्रभाव नबम्बर माह से शुरू हो गया था जबकि इस बीमारी का पता पूरी दुनिया को दिसंबर माह में लगा एक बात यहां ध्यान देने योग्य है यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं यह मानव निर्मित आयोजन के तहत इसे बनाया गया और फैलाया गया। क्योंकि यहां केतु उच्च के होकर बैठे हैं आने वाला समय में 30 मार्च 2020 को जब बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश करेंगे जहां पहले से शनि और मंगल विधमान है वहाँ गुरु मकर राशि में जाएंगे तब कुछ स्थितियां सकारात्मक हो सकती है चुकी मंगल ग्रह को टिटमेंट का भी कारक माना जाता हैं इसका इलाज 30 मार्च 2020 के बाद मिलने की संभावनाएं हैं अब इसमें सूर्य आत्मा कारक है सूर्य प्रकाश का कारक है अंधकार को दूर करने का कारक है अब यहां एक चीज और भी हमें देखना होगा सूर्य 14 तारीख यानी 14 अप्रैल 2020 को मेष राशि में प्रवेश करेंगे मेष राशि का सूर्य उच्च के होते हैं यानी भूमंडल में तपन बढ़ेगी। चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ बड़ी उपलब्धियां हो सकती हैं। इस दौरान शुक्र का भी परिवर्तन है शुक्र स्व राशि में जाएंगे। शुक्र शुक्राचार्य दवा का कारक शुक्र को मृत संजिविनि का वरदान है यानि शुक का परिवर्तन भी हमारे इस भयानक बीमारी में जो लोग इस समय ग्रसित है उनको राहत मिलेगी ।अभी कुछ दिन कोरोनावायरस का प्रभाव पूर्व दिशा की ओर फैलता हुआ दिखेगा ।जैसे विहार पच्छिम वंगाल। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए 30 मार्च 2020 से 14 अप्रैल 2020 तक गुरु शुक्र और सूर्य का परिवर्तन निश्चित ही भारतवर्ष के लिए शुभ संकेत लेकर आएगा हम कह सकते हैं जल्द से जल्द ये परिवर्तन भारतवर्ष को निजात दिलाएगी।