मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य मिला:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा भवन में पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने कल्पतरू का पौधा लगाया और बिहार विधानसभा भवन के परिसर में बनाए गए स्मृति स्तंभ का अनावरण किया। उन्होंने बिहार विधान सभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास भी किया। इस मौके पर राज्यपाल फागु चौहान और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। मंच पर पहुंचने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पीएम मोदी का स्वागत किया।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं। बिहार विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी। भारत में लोकतन्त्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये राष्ट्र है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है।
पीएम मोदी की बड़ी बातें-
बिहार विधानसभा का अपना इतिहास रहा है
युगों युगों तक याद रखा जाएगा समृति चिन्ह
बिहार पहला राज्य, जहां महिलाओं को 50% आरक्षण मिला
बिहार की आकांक्षाओं को प्रेरणा देगा समृति स्तंभ
जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे कई गुना लौटाता है
मुझे विधानसभा में कल्पतरू लगाने का अवसर मिला
बिहार पंचायती राज कानून भी इसी भवन से बना
बिहार विधानसभा से ही पहली बार जमींदारी उन्मूलन कानून बना
बिहार विधानसभा कई बड़े महानुभावो की आवाज का गवाह बना
विधानसभा परिसर में पहली बार कोई PM आए हैंः सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा शताब्दी वर्ष समापन समारोह में शामिल होने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा परिसर में पहली बार कोई पीएम आए हैं। आज इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उपस्थित हुए हैं तो हम सब उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। ये पहली बार बिहार विधानसभा के परिसर में कोई प्रधानमंत्री आए हैं तो ये कोई मामूली बात नहीं है।
3 करोड़ की लागत से बना 40 फुट लंबा स्मृति स्तंभ
इस स्मृति स्तंभ का निर्माण करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। यह स्तंभ ऐतिहासिक स्थल के वास्तुशिल्प को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया गया है। 40 फुट की इस संरचना का निर्माण बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग (बीसीडी) ने किया है। स्तंभ के शीर्ष पर बिहार का प्रतीक बोधि वृक्ष है, जिसे कांस्य से बनाया गया है। स्तंभ की आधारशिला पिछले साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी थी। राष्ट्रपति ने बोधिवृक्ष का एक पौधा भी लगाया था, जो अब स्तंभ के सामने है। प्रधानमंत्री अपने दौरे में एक बगीचे का नामकरण आधिकारिक तौर पर ‘शताब्दी स्मृति उद्यान' के तौर पर करेंगे। शताब्दी स्तंभ के पास स्थित इस उद्यान में 100 औषधीय पौधे लगाए गए हैं।