ED ने शिवसेना सांसद संजय राउत को हिरासत में लिया, जानिए पूरी खबर

By Tatkaal Khabar / 01-08-2022 03:49:43 am | 8895 Views | 0 Comments
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शिवसेना सांसद संजय राउत पर पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. रविवार को ED ने उनको हिरासत में ले लिया. सुबह 7 बजे राउत के भांडुप स्थित घर पर पहुंची. 8 घंटे से ज्यादा देर तक उनके घर छापेमारी हुई. इस बीच राउत के वकील उनके घर पहुंचे. ईडी ने जांच-पड़ताल के बाद उन्हें अंदर जाने दिया है. ईडी ने संजय राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है.

सूत्रों के मुताबिक जब उन्हें जांच एजेंसी ने अपने साथ ED ऑफिस चलने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि वे मौजूदा सांसद हैं. उन्होंने 7 अगस्त तक का समय मांगा था.

राउत ने कहा कि ईडी को इस बारे में सूचित किया गया था. ईडी को अपने वकील के जरिए भेजे गए एक पत्र में राउन ने कहा था कि एक जिम्मेदार सांसद के रूप में उन्हें संसद सत्र में भाग लेना है और इसलिए वह 20 और 27 तारीख को ईडी के सामने पेश नहीं हुए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 7 अगस्त तक का समय मांगा है और अगर उस दिन तलब किया जाता है तो वह ईडी के अधिकारियों के सामने पेश होंगे.

ईडी की कार्रवाई के बाद संजय राउत का बयान सामने आया है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'मैं बाला साहेब की कसम खाता हूं. मेरा इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है. राउत ने आगे कहा कि उन्होंने (बाला साहेब) हमें लड़ना सिखाया है और हम शिवसेना के लिए लड़ते रहेंगे.
राउत ने कहा कि झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत के बाद भी मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा. अगर मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा. राउत के घर ईडी की टीम पहुंचने के बाद उनके समर्थकों का जमावड़ा भी लग गया है. समर्थक ईडी और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.

आया शिंदे गुट का बयान:-

संजय राउत के खिलाफ जारी ईडी की कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना (शिंदे गुट) का बयान आया है. विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि जो व्यक्ति गुवाहाटी से हमारी डेड बॉडी लाने की बात कर रहा था, वह आज परेशान है. भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, जैसी करनी वैसी भरनी. 

27 जुलाई को भी नहीं पेश हुए थे राउत:-

इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था, लेकिन भी राउत पेश नहीं हुए थे और उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.

यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला:-

 ED के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे.

 ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.

 जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.

ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे.

 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे.

 ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है.

 ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.