3 साल में बनकर तैयार हुआ उज्जैन महाकाल का नया रूप, PM मोदी करेंगे उद्घाटन
Mahakal Corridor Inauguration News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (11 अक्टूबर, 2022) को उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस अवसर पर उज्जैन में बड़े आयोजन किए गए हैं। इसके तहत महाकालेश्वर मंदिर की तरफ जाने वाले 600 मीटर लंबे हरि फाटक पुल की रेलिंग को तेल के दीयों के साथ सजाया गया है और लोकार्पण के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए बड़े टीवी स्क्रीन भी लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए राज्य भर में दिवाली जैसे समारोह का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री आधिकारिक तौर पर मेगा कॉरिडोर के उद्घाटन को प्रतीकात्मक रूप से 'शिवलिंग' का अनावरण करेंगे. इस कॉरिडोर के खुलने के बाद मध्य प्रदेश के इस पवित्र शहर में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. कॉरिडोर की लंबाई 900 मीटर से ज्यादा है. यहां 108 बलुआ पत्थर से तैयार स्तंभ बनाए गए हैं. महाकाल मंदिर कॉरिडोर करीब 900 मीटर एरिया में बना है. कॉरिडोर का आकार काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से करीब 4 गुना बड़ा है. पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है. कॉरिडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सर्विसेस भी तैयार किया जा रहा है. ऐसे में दर्शालुओं को दर्शन करने और कॉरिडोर घूमने के दौरान भव्य अनुभव होने वाला है. महाकाल लोक में मूर्तियों के रूप में भगवान शिव से जुड़ी अलग-अलग कहानियां को भी उकेरी गई है. सप्त ऋषि के पास विशाल म्यूरल बना है, जिसमें उनके स्वरूप नंदीगण, भैरव, गणेशजी, माता पार्वती और अन्य देवताओं की 200 मूर्तियां बनाई गई है. नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभों का एक राजसी स्तंभ, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्र भी होंगे. बता दें कि महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. दो हेक्टेयर में बने मंदिर परिसर के लिए करीब 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कुल खर्च में से करीब 422 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 21 करोड़ रुपए मंदिर समिति खर्च करेगी. बाकी रकम केंद्र सरकार खर्च करेगी.