अरे ये क्या यहाँ मौत के बाद पेड़ में बदल जाते हैं बच्चे! जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य
दुनिया में आज भी ऐसी कई जनजातियां मौजूद हैं जो हजारों साल पुरानी अजीबोगरीब परंपराओं का पालन कर रही है। जहां लोग विकास और आधुनिकता को अपना रहे हैं, वहीं ये आदिवासी जनजातियां अभी भी दूसरे लोगों से कटी हुई हैं और अपनी परंपराओं के अनुसार ही जीवन जी रहे हैं। इनकी कुछ परंपराएं बेहद अजीबोगरीब होती हैं, जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है। आज हम आपको ऐसी एक जनजाति और उसकी अजीबोगरीब परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। यह जनजाति इंडोनेशिया में रहती है। यह परंपरा इंडोनेशिया के ताना तरोजा में निभाई जाती है। यहां लोग अपने बच्चों का अंतिम संस्कार बड़े अजीबोगरीब तरीके से करते हैं।
पेड़ के तने में दफनाते हैं बच्चों के शव
यहां पर लोग बच्चों की मौत के बाद उनके शव को पेड़ के तने में दफनाते हैं। इस जगह पर शव को पेड़ के अंदर दफनाने की परंपरा है। यहां के निवासी बड़ों का अंतिम संस्कार तो आम तरीके से ही करते हैं, लेकिन बच्चों की मौत होने पर इस परंपरा का पालन करते हैं। दरअसल, इन लोगों को अपने बच्चों की मौत का शोक तो होता है लेकिन वह अपने बच्चे को प्रकृति के साथ जोड़ते हैं। अपने बच्चे को प्रकृति के साथ जोड़ने पर लोग गर्व महसूस करते हैं। इंडोनेशिया के इस इलाके में बच्चों के शव को दफनाने के लिए लोग यह तरीका अपनाते हैं।
ऐसे दफनाते हैं पेड़ में
यहां के लोग अपने बच्चों के शव को दफनाने के लिए लोग पेड़ के तने को खोखला कर देते हैं। इसके बाद बच्चे के शव को कपड़े में लपेटकर पेड़ के तने में डाल देते हैं। इसकी वजह से शव धीरे-धीरे प्राकृतिक तरीके से पेड़ का ही हिस्सा बन जाता है। लोग बताते हैं कि ऐसे दुनिया से जाने के बाद पेड़ के रूप में हमेशा वहां रहता है।
पेड़ के रूप हमेशा माता-पिता के पास रहते हैं बच्चे
अपने बच्चों को लोग पेड़ के तने में दफनाते हैं और पेड़ को अपना बच्चा समझते हैं। पेड़ों के अंदर खोखली जगह को यहां रहने वाले लोग बनाते हैं। वह मानते हैं कि भले ही भगवान ने उनका बच्चा उनसे छीन लिया हो, लेकिन इस परंपरा की वजह से उनका बच्चा उनसे दूर नहीं जाता है। बच्चे हमेशा अपने मां-बाप के पास रहते हैं।