Ramayana / 'रामायण' की सीता ने किया कृति सेनन को ट्रोल, डायरेक्टर संग KISS पर कही ये बात

By Tatkaal Khabar / 14-06-2023 03:16:20 am | 5061 Views | 0 Comments
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Ramayana: मोस्ट पॉपुलर टीवी सीरियल 'रामायण' में सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया काफी बेबाक हैं। वह सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और आज भी उनके फैंस उन्हें माता सीता के नाम से बुलाते हैं। अब दीपिका ने उस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है, जो इन दिनों सुर्खियों में है। हम बात कर रहे हैं, फिल्म निर्माता ओम राउत और कृति सैनन के Kiss वाले विवाद की। दीपिका ने इस मौके पर कृति के बारे में कुछ ऐसा कहा है जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
कृति के बारे में क्या बोलीं दीपिका Ramanand Sagar Ramayan Sita Actress Dipika Chikhlia reaction on Adipurush  Director om Raut and Kriti Sanon kiss controversy -  -    Kiss       -
दरअसल, ओम राउत को तिरुपति मंदिर परिसर के बाहर कृति सनोन को अलविदा कहते हुए देखा गया था। इस समय पर ओम ने कृति के गाल पर किस किया। दीपिका ने इस घटना से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि कृति ने शायद खुद को सीता समझा ही नहीं होगा। बता दें कि महाकाव्य रामायण पर आधारित ओम राउत की आगामी 'आदिपुरुष' में कृति जानकी के रूप में नजर आएंगी। 
चरित्र से कनेक्शन नहीं बना पाते एक्टर 
कृति सैनन और ओम राउत के किस पर दीपिका चिखलिया ने एक बातचीत में कहा, "मेरा मानना है कि इस पीढ़ी के अभिनेताओं के साथ यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि वे न तो चरित्र में घुसते हैं और न ही उसकी भावनाओं को समझते हैं। उनके लिए रामायण सिर्फ एक फिल्म रही होगी। शायद वे इससे आध्यात्मिक रूप से नहीं जुड़े हैं। कृति आज की जनरेशन की एक्ट्रेस हैं। आज के दौर में किसी को किस करना या गले लगाना एक स्वीट जेस्चर माना जाता है। उसने कभी अपने को सीता जी नहीं समझा होगा। यह भावनाओं का विषय बन जाता है। मैंने सीता के किरदार को जिया है जबकि आज की अभिनेत्रियां उसे सिर्फ एक भूमिका समझती हैं। फिल्म या प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद, उन्हें अब कोई परवाह नहीं है।"
रामायण के सेट पर थीं मर्यादाएं 
इसके साथ ही दीपिका ने उस समय रामानंद सागर के टीवी शो  'रामायण' की शूटिंग को याद किया। उन्होंने कहा, "अगर हम अपने बारे में बात करें तो हमें किसी ने हमारे नाम से बुलाने की हिम्मत नहीं की। जब हम अपने किरदारों में होते थे तो सेट पर ही कई लोग आकर हमारे पैर छूते थे। यह एक अलग युग था। उस समय, वे हमें अभिनेताओं के रूप में नहीं देखते थे; वे हमें भगवान मानते थे। हम किसी को गले भी नहीं लगा सकते थे, चुंबन तो दूर की बात है। आदिपुरुष अभिनेता रिलीज (फिल्म की) के बाद अपनी अगली परियोजनाओं में व्यस्त हो जाएंगे और अपने पात्रों के बारे में भूल सकते हैं। लेकिन हमारे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था मानो हम ऊपर से उतरे हुए देवता हों और इस दुनिया में रहते हों। इसलिए हमने कभी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों।"