गीता प्रेस गोरखपुर ने गांधी शांति पुरस्कार किया स्वीकार, लेकिन धनराशि लेने से किया इनकार

By Tatkaal Khabar / 19-06-2023 03:52:11 am | 5202 Views | 0 Comments
#

गोरखपुर स्थित गीता प्रेस ने गांधी शांति पुरस्कार के लिए एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। इसने कहा कि वह केवल प्रशस्ति पत्र स्वीकार करेगा न कि नकद पुरस्कार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस को पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना था। गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा रविवार को की गई। पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, प्रशंसा का एक प्रमाण पत्र और एक पट्टिका शामिल है।

मानदेय लेने से इनकार करते हुए गीता प्रेस ने एक बयान में कहा कि सरकार को पैसा कहीं और खर्च करना चाहिए। गीता प्रेस ने कहा कि वह केवल प्रशंसा प्रमाणपत्र स्वीकार करेगी। गीता प्रेस को अवॉर्ड देने का फैसला कांग्रेस को रास नहीं आया। पार्टी नेता जयराम रमेश ने इस कदम की आलोचना की और पुरस्कार के लिए गीता प्रेस के चयन को एक उपहास बताया।



कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट में कहा, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की लिखित जीवनी में उन्होंने महात्मा गांधी और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर गीता प्रेस के साथ चली लड़ाई व खराब संबंधों का खुलासा किया है। यह निर्णय वास्तव में एक उपहास और सावरकर व गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

गौरतलब है कि 1923 में स्थापित, गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पुरस्कार जीतने के लिए गीता प्रेस को बधाई दी और क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने रविवार को ट्वीट किया था, मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है।