UP में इस स्कीम से हर किसान को मिलेगा पैसा, आवेदन के लिए शुरू हो गए कैंप
आगामी खरीफ सीजन से पहले किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना यानी PMKSY की 14वीं किस्त मिलने का इंतजार है. यूपी में योगी सरकार ने 14वीं किस्त आने से पहले इस योजना के लाभार्थी होने से वंचित रह गए किसानों के योजना में शामिल होने के लिए 22 मई से 10 जून तक संतृप्तीकरण अभियान चलाया था. दरअसल योजना शुरू होने के बाद यूपी में लाखों किसान ऐसे पाए गए थे, जो इस योजना के पात्र न होते हुए भी लाभार्थी बन गए थे.
ऐसे अपात्र किसानों को योजना से बाहर कर योगी सरकार ने पात्र किसानों को इस योजना में शामिल होने का एक और मौका देते हुए पूरे प्रदेश में संतृप्तीकरण अभियान चलाया है. इसके तहत हर गांव में शिविर लगाए गए. इन शिविरों में सभी संबद्ध विभागों के अधिकारी जाकर पात्र किसानों को लाभार्थी बनाने में मदद करते हैं. संतृप्तीकरण अभियान का पहला चरण पूरा होने के बाद योगी सरकार इस योजना के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को शामिल करने के लिए 24 जून से ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाएगी.
बीज केंद्रों पर लगेंगे शिविर-
कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि यूपी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के शत प्रतिशत पात्र किसानों को योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए सरकार ने कतिपय कारणों से योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए सभी किसानों को पुन: आवेदन करने के लिए ग्राम पंचायत और तहसील स्तर पर शिविर लगाने के बाद अब 24 जून से राज्य के प्रत्येक विकासखंड में राजकीय कृषि बीज भंडार पर शिविर का आयोजन करने का निर्णय लिया है.
शिविर के माध्यम से किसानों की आवेदन संबंधी हर समस्या का समाधान किया जाएगा. जिससे पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त उनके खाते में आने की बात यह सुनिश्चित हो सके. शिविर आयोजित करने के संबंध में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी की ओर से समस्त जिलाधिकारियों, कृषि निदेशक एवं समस्त उप कृषि निदेशकों को आदेश जारी किया गया है.
इन किसानों को मिली अब तक मदद-
गौरतलब है कि पीएम किसान योजना दिसंबर 2018 से यूपी में संचालित की जा रही है. केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 14 वीं किस्त जारी करने से पहले सभी पात्र किसानों के जमीन के दस्तावेज, बैंक खाते को आधार से लिंक किया जाने और ई-केवाईसी कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. अब इस योजना की आगामी किस्तें आधार संबंधित गेट-वे पेमेंट से ही दी जाएंगी. इस क्रम में, प्रत्येक ग्राम पंचायत में 22 मई से 10 जून तक शिविर कैंप का आयोजन किया गया.
UP के इन दो जिलों के बीच बिछाई जाएगी नई रेलवे लाइन, खर्च होगें 276 करोड़
वहीं,प्रदेश के समस्त तहसील मुख्यालय पर 13 से 23 जून तक शिविर कैंप का आयोजन किया जा रहा है. शिविर कैंप के माध्यम से अब तक लगभग 23.52 लाख किसानों की इस योजना से जुड़ी सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कराई गई हैं. इसमें 4.55 लाख ई-केवाईसी, 5.48 लाख भूलेख अंकन, 4.39 लाख बैंक खाते के साथ आधार सीडिंग, 2.86 लाख ओपन सोर्स पंजीकृत कृषकों का सत्यापन एवं 2.66 लाख कृषकों के नए पंजीकरण सम्मिलित हैं.
शत प्रतिशत पात्र किसानों को लाभ दिलाना उद्देश्य-
चतुर्वेदी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अभी तक इस योजना के शत प्रतिशत पात्र किसानों की जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाई हैं. आदेश में इसके कई कारण भी बताए गए हैं. इसके अनुसार, तमाम किसानों द्वारा पात्र होते हुए भी पीएम किसान पोर्टल पर अभी तक ओपेन सोर्स से आवेदन नहीं किया गया है. जिन किसानों ने ओपेन सोर्स से आवेदन कर दिया है, उनमें से तमाम ऐसे किसान भी हैं, जिनके आवेदन स्वीकृत नहीं हुए हैं एवं आवेदन विभिन्न कारणों से लंबित चल रहा है.
इसके अतिरिक्त तमाम किसानों के आवेदन पूर्व में स्वीकृत हो गए थे परंतु भूलेख के अप-टू-डेट न हो पाने के कारण उन्हें किस्तें नहीं मिल पा रही थी. साथ ही, तमाम किसानों के पहले से स्वीकृत भूलेख का सत्यापन होने के बाद भी आधार का बैंक खाते से लिंक नहीं हो पाने के कारण भी वे पात्र नहीं हो पाए थे. सरकार की प्राथमिकता इन सभी श्रेणी के शत प्रतिशत पात्र किसानों को लाभ दिलाना है. इसके लिए ही एक बार फिर शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है.
सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगेंगे कैंप-
आदेश के अनुसार, पीएम किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण शिविर प्रदेश के समस्त विकास खंडों के राजकीय बीज भंडार पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगाया जाएगा. इसमें कृषि विभाग के तकनीकी सहायक, लेखपाल, कॉमन सर्विस सेंटर एवं पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. संबंधित जिलाधिकारी शिविर में तैनात रहने वाले अन्य कर्मचारियों का पैनल निर्धारित करेंगे.
ये कर्मचारी प्रत्येक कार्यालय दिवस में प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक उपस्थित होकर किसानों की समस्याओं का निस्तारण करेंगे. कैंप आयोजन के लिए मंडल के उप कृषि निदेशक, नोडल अधिकारी होंगे तथा उनके द्वारा कैंप के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी; उप कृषि निदेशक प्रतिदिन कैंप की प्रगति की जानकारी सभी विकास खडों से संकलित कराकर कृषि निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे.