बैंकॉक में हुआ मेकांग-गंगा सहयोग व्यापार परिषद की स्थापना करने का निर्णय

By Tatkaal Khabar / 17-07-2023 05:28:23 am | 5852 Views | 0 Comments
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बैंकॉक में बिम्सटेक बैठक में हिस्सा लिया। बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) के विदेश मंत्रियों के रिट्रीट के दौरान खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की गई। इसके साथ ही 12वीं मेकांग गंगा सहयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी। बिम्सटेक के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं। बता दें, यह रिट्रीट बिम्सटेक एजेंडे को और गहरा करने और संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया जाता है। बैठक में भाग लेने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 'अभी-अभी बैंकॉक में एक सार्थक बिम्सटेक रिट्रीट संपन्न हुआ। सहकर्मियों के बीच एक खुली और दूरदर्शी चर्चा हुई। बिम्सटेक सदस्यों के बीच लचीलेपन और समन्वय को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो उन चुनौतियों को दर्शाता है जिनका हम आज सामना कर रहे हैं। सहयोग के नए क्षेत्रों में प्रवेश के लिए नए पहलुओं और गतिविधियों की खोज की। विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को बैंकॉक में अपने लाओस समकक्ष पीडीआर सेलमक्साय कोमासिथ के साथ 12वीं मेकांग-गंगा सहयोग ( एमजीसी ) बैठक की सह-अध्यक्षता की । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत - म्यांमार - थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी। उन्होंने आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जल संसाधन प्रबंधन में आदान-प्रदान के दायरे का विस्तार करने के लिए मेकांग-गंगा सहयोग व्यापार परिषद की स्थापना करने का निर्णय लिया। बैठक में विकास साझेदारी के नए क्षेत्रों की भी खोज की गई, जिसमें त्वरित प्रभाव परियोजनाओं और संस्कृति और पर्यटन को आगे बढ़ाना और संग्रहालय-आधारित सहयोग को गहरा करना शामिल है।