यूएसएड और सीईईडब्ल्यू ने वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय संवाद आयोजित किया

By Tatkaal Khabar / 03-09-2023 02:14:15 am | 9997 Views | 0 Comments
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नई दिल्ली,3September 2023: यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) और काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) ने नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय संवाद (नेशनल डायलॉग) आयोजित किया। इसमें सरकार, प्रदूषण नियामक संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों और सिविल सोसाइटी से प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस संवाद का लक्ष्य स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हवा की गुणवत्ता को सुधारने वाले उपायों पर चर्चा करना और उन्हें उन्नत बनाना था। *यूएसएड की भारत में मिशन निदेशक वीणा रेड्डी* ने कहा, “स्वच्छ हवा, यूएस सरकार की एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय और स्वास्थ्य प्राथमिकता है। हम, वायु प्रदूषण और इसके हमारे लोगों व धरती पर प्रभावों को रोकने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में, यूएसएड की क्लीनर एयर बेटर हेल्थ पहल के तहत वायु प्रदूषण के शमन को मजबूत बनाया जा रहा है। इसके तहत, ऐसे स्थापित मॉडल्स पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो स्थानीय समुदायों को जोड़ने और सबसे कमजोर वर्गों की जरूरतों को पूरा करते हुए वायु प्रदूषण को घटाते और सामुदायिक स्वास्थ में सुधार लाते हैं।” *डॉ. अरुणाभा घोष, सीईईओ, सीईईडब्ल्यू,* ने कहा, “स्वच्छ हवा एक अनिवार्य आवश्यकता है, एक अवसर है — और यह संभव है। भारत में वायु प्रदूषण एक मौसमी मुद्दा नहीं है और न ही सिर्फ एक पर्यावरणीय चिंता है। हमारे स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव की वजह से यह हमें पूरे साल प्रभावित करता है और इसके कारण हमारी आर्थिक उत्पादकता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा, स्वच्छ हवा निवेश आकर्षित करने, नई प्रौद्योगिकियों के विकास और रोजगार सृजन का एक अवसर भी है। वायु गुणवत्ता पर सीईईडब्ल्यू के रिसर्च और यूएसएड की क्लीनर एयर एंड बेटर हेल्थ प्रोजेक्टके जमीनी कार्यों का उद्देश्य स्वच्छ हवा के लिए सामुदायिक व्यवहार विकसित करना है। इनमें ज्यादा एलपीजी रिफिलिंग को सुनिश्चित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठकें करने, निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण की निगरानी और नियंत्रण करने, इलेक्ट्रिक व्हीकल के बारे में डिलीवरी राइडर्स (ऑटो रिक्शा और डिलीवरी चालक) की राय जानने के लिए उनके साथ चर्चा करने, और छोटे व मध्यम उद्योगों के लिए कुशल बॉयलर्स के लिए बिल्कुल नए प्रोटोटाइप बनाने जैसे कई कदम शामिल हैं। सीएबीएच, समाधानों और नीतियों के प्रभावों को व्यापक बनाने के लिए आंकड़ों और साक्ष्यों का उपयोग करता है।” अन्य प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों में श्री ए. के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक, रीजनल सेंटर फॉर अर्बन एंड इनवायरमेंटल स्टडीज (आरसीयूईएस) व अतिरिक्त निदेशक, शहरी परिवहन निदेशालय, उत्तर प्रदेश सरकार और डॉ. रनदीप गुलेरिया, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटर्नल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप एवं डायरेक्टर, मेडिकल एजुकेशन, मेदांता, एम्स के पूर्व निदेशक शामिल रहे। इस राष्ट्रीय संवाद के साथ यहां पर *‘हवा के साथी’* प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें सीएबीएच प्रोजेक्टके तहत विकसित किए गए स्वच्छ हवा के समाधानों और पहलों के प्रोटोटाइप प्रदर्शित किए गए। इन नवाचारों में सर्दियों के दौरान बाहर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बैटरी संचालित गर्म कपड़े, वितरण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण दूरस्थ इलाकों में ऊर्जा सुरक्षा देने वाला एक ग्रीन हाइड्रोजन कुकस्टोव, और छोटे किसानों, सब्जी व बागवानी की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाये गए एक मिनी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को प्रदर्शित किया गया। यूएसएड की *क्लीनर एयर एंड बेटर हेल्थ* (सीएबीएच) प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत में बेहतर वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए साक्ष्य आधारित मॉडल को स्थापित करते हुए वायु प्रदूषण के शमनकारी उपायों को मजबूत बनाना और वायु प्रदूषण के चपेट में आने का जोखिम घटाना है। इस प्रोजेक्टको काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) की नेतृत्व वाले कंसोर्टियम की ओर से लागू किया जा रहा है। इसमें असर सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर्स, एनवायरनमेंटल डिज़ाइन सॉल्यूशन्स, एनवायरो लीगल डिफेंस फर्म, और वायटल स्ट्रैटेजीज शामिल हैं।