भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की भारत रत्न पंडित गोबिंद बल्लभ पंत की 136वीं जयंती मनाने के लिए तैयार
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की भारत रत्न पंडित गोबिंद बल्लभ पंत की 136वीं जयंती मनाने के लिए तैयार रुड़की, 10, 09, 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की), उच्च तकनीकी शिक्षा में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में अग्रणी, 10 सितंबर, 2023 को परिसर में भारत रत्न पंडित गोबिंद बल्लभ पंत को उनकी 136वीं जयंती पर सम्मानित करता है। नेहरू, गांधी व पटेल के समकालीन पंडित, पंडित गोबिंद बल्लभ पंत भारत के लिए आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी की कमान संभालने वाले अग्रदूतों में से एक थे। इस उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की की समग्र समझ, जिसमें ज्ञान एवं सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता शामिल है, संस्थान में राजभाषा प्रकोष्ठ उनकी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। गोविंद बल्लभ पंत को देश के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों एवं एक प्रशासक के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह संयुक्त प्रांत के प्रधान मंत्री (1937 - 1939), उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1946 -1954) एवं केंद्रीय गृह मंत्री (1955 - 1961) थे और 1957 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न के प्राप्तकर्ता थे। कार्यक्रम की शुरुआत आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत के आगमन के साथ हुई; डीन प्रशासन; परिसर में प्रतिमा स्थल पर अध्यक्ष राजभाषा प्रकोष्ठ, रजिस्ट्रार, संस्थान अभियंता एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी। राष्ट्रीय नायक की प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाकर उनकी परोपकारी उपलब्धि को याद करते हुए समारोह अपने चरम पर पहुंच गया। इस शुभ अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा, "एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए जो बौद्धिक रूप से सक्षम, नवोन्मेषी एवं उद्यमशील पेशेवरों के विकास को बढ़ावा देगा, मैं चाहता हूँ कि छात्र एवं संकाय सदस्य हमारे योग्य नेताओं में से किसी एक की भावना को आत्मसात करें" और हमारे समाज की विविध प्रकृति के प्रति सम्मान पैदा करने के साथ-साथ एक भाषाई छतरी के नीचे एकजुट होकर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दें।" भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के उप निदेशक प्रोफेसर यू.पी. सिंह ने इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "पंडित गोबिंद बल्लभ पंत केंद्र सरकार एवं कुछ राज्यों की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। इस प्रकार, सीखने की निरंकुश भावना और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता के साथ बौद्धिक उत्कृष्टता तथा रचनात्मकता की सराहना करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की सभी से शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और एक टिकाऊ व न्यायसंगत समाज बनाने का आग्रह करता है।