भारत_श्रीलंका के बीच नौका सेवा 40 वर्षों के बाद फिर से शुरू, पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली एक नौका सेवा का उद्घाटन किया। यह नौका तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के जाफना में कांकेसंथुराई के बीच चलेगी। पीएम मोदी ने इस उद्यम के महत्व को व्यक्त करते हुए कहा कनेक्टिविटी न केवल दो शहरों को करीब लाने के बारे में है, बल्कि यह हमारे देशों को करीब, हमारे लोगों को करीब और हमारे दिलों को करीब लाती है। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिष्ठित तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती के गीत सिंधु नाधियिन मिसाई का भी संदर्भ दिया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के साथ भारत के सहयोग में फिनटेक, ऊर्जा और डिजिटल भुगतान जैसे पारस्परिक लाभ के संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। इस नौका सेवा का पुनरुद्धार राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की हालिया भारत यात्रा के बाद हुआ है, और उन्होंने भी पाक जलडमरूमध्य में यात्रा करने वाले लोगों के लंबे समय से चले आ रहे इतिहास पर जोर देते हुए दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया था। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी उद्घाटन को वर्चुअली संबोधित करते हुए इसे एक रणनीतिक पहल बताया। उन्होंने कहा लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए नौका सेवा की शुरुआत वास्तव में एक बड़ा कदम है। इसके अलाव भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति पर जोर देते हुए उन्होंने ट्वीट किया यह नौका मोदी सरकार की पड़ोसी पहले, सागर, जीवन में आसानी में सुधार और व्यापार करने में आसान प्रतिबद्धता की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। तमिलनाडु मैरीटाइम बोर्ड द्वारा प्रबंधित नागापट्टिनम बंदरगाह को हाल ही में विदेश मंत्रालय की फंडिंग से अपग्रेड किया गया, जिसकी राशि 8 करोड़ रुपये थी। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया प्रतिदिन नौका सेवा संचालित करेगा और 60-समुद्री मील (110 किमी) की यात्रा लगभग 3.5 घंटे में पूरी करेगा। इस नई नौका सेवा से पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण नागापट्टिनम की थिरुनलार, नागोर और वेलानकन्नी जैसे धार्मिक स्थलों से निकटता है। (रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)