Tata Motors: ममता सरकार को झटका, टाटा को देना होगा 766 करोड़ रुपये का हर्जाना
Tata Motors Update: टाटा मोटर्स के लिए बड़ी राहत की खबर है. पश्चिम बंगाल के सिंगूर में लखटकिया कार नैनो की मैन्युफैक्चरिंग के लिए लगाये गए प्लांट के बंद होने के बाद निवेश पर हुए नुकसान के तौर पर ब्याज के साथ 766 करोड़ रुपये मिलेंगे. तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण यानि आरबीट्रल ट्रिब्यूनल (Arbitral Tribunal) ने टाटा मोटर्स के हक में ये फैसला सुनाया है.
टाटा मोटर्स ने रेग्यूलेटरी फाइलिंग में बताया कि टाटा मोटर्स (Tata Motors Limited) लिमिटेड और पश्चिम बंगाल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBIDC) के बीच सिंगूर में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट पर किए गए निवेश पर पूंजी के नुकसान को लेकर डब्ल्युबीआईडीसी से टाटा मोटर्स के मुआवजा के क्लेम को लेकर मध्यस्थ न्यायाधिकरण मध्यस्थ न्यायाधिकरण में चल रही सुनवाई चल रही थी. चीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने 30 अक्टूबर, 2023 को सर्वसम्मति के साथ टाटा मोटर्स लिमिटेड के हक में फैसला सुनाया है.
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि टाटा मोटर्स एक सितंबर 2016 से सलाना 11 फीसदी ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपये की रिकवरी पश्चिम बंगाल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड से कर सकती है. टाटा मोटर्स ने कहा कि इस सुनवाई पर हुए 1 करोड़ रुपये के खर्च की भी वसूली करने का ट्राईब्यूनल ने आदेश दिया है. मध्यस्थ न्यायाधिकरण के इस फैसले के साथ मध्यस्थता को लेकर चल रही सुनवाई अब खत्म हो गई है.
पश्चिम बंगाल की सीपीएम सरकार ने टाटा मोटर्स को लखटकिया कार नैनो बनाने के लिए सिंगूर में 1000 एकड़ खेती वाली जमीन अलॉट किया था. जिसपर टाटा मोटर्स ने कार बनाने के लिए प्लांट पर निवेश भी किया था. लेकिन इस आवंटन का भारी राजनीतिक विरोध हुआ है जिसकी अगुवाई राज्य की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था. किसानों ने भी जमीन अलॉटमेंट का विरोध किया. इस विरोध के चलते टाटा मोटर्स ने लखटकिया कार के प्लांट लगाने के फैसले को रद्द कर दिया. टाटा मोटर्स ने बाद में गुजरात के साणंद में नैनो कार प्लांट को लगाया. हालांकि अब नैनो कार का प्रोडक्शन कंपनी बंद कर चुकी है.