भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग बैठक: आर्थिक सहयोग के विस्तार पर सहमति
भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग की छठी बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने की। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार एवं निवेश के विस्तार, लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान, गतिशीलता और कांसुलर सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। जयशंकर युगांडा में आयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को नाइजीरिया की राजधानी अबुजा पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने नाइजीरियाई समकक्ष यूसुफ तुग्गर के साथ संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर अपने घनिष्ठ सहयोग की परंपरा को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। बैठक में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, परिवहन, स्वास्थ्य, फिनटेक, कृषि, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में नए अवसरों पर भी चर्चा हुई। इससे पहले जयशंकर ने लागोस में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा हम आज दुनिया को संदेश दे रहे हैं कि आज एक ऐसा भारत है, जिसे अपनी परंपराओं, अपनी संस्कृति, अपने इतिहास पर गर्व है। दुनिया में बहुत कम ऐसी सभ्यताएं हैं, जो एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में बची हैं और हम उनमें से एक हैं। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में भारत और ग्लोबल साउथ पर अपने विचार रखे और भारत- नाइजीरिया बिजनेस फोरम में भाग लिया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा सीआईआई और एनआईसीसीआई द्वारा आयोजित भारत-नाइजीरिया बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। इस बात को रेखांकित किया गया कि हमारी आर्थिक साझेदारी को गहरा करना हमारे संबंधों के विस्तार की कुंजी है। जयशंकर ने पश्चिम अफ्रीका में स्थित भारतीय मिशन प्रमुखों के सम्मेलन की अध्यक्षता भी की। उन्होंने अबुजा में भारतीय उच्चायोग का दौरा किया मिशन परिसर में एक पौधा लगाया। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया। Yugvarta news