Himachal Political Crisis: विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक प्रोफाइल से हटाया मंत्री व विधायक
Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और फिर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की नाराजगी के बाद उपजे सियासी संकट फिलहाल भले ही शांत हो गया हो, लेकिन पिक्चर अभी बाकि नजर आ रही है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पहाड़ी राज्य में फिर से कोई राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है. क्योंकि राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर और विधायक को हटा दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर मंत्री या विधायक के स्थान पर हिमाचल का सेवक स्लग का इस्तेमाल किया है. विक्रमादित्य का फेसबुक प्रोफाइल में यह बदलाव सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
आपको बता दें कि विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान विक्रमादित्य सिंह की नाराजगी उस समय सामने आई. जब उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. विक्रमादित्य का आरोप था कि राज्य में कांग्रेस उनके पिता के नाम का प्रचार कर सत्ता में आई है, लेकिन सुक्खू सरकार उनकी मूर्ति लगवाने के लिए दो गज जमीन का प्रबंध नहीं कर सकी. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थी कि विक्रमादित्य कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं. राज्यसभा चुनाव में छह विधायकों की बगावत के कारण पहले से ही संकट में चल रही कांग्रेस कोई और रिस्क उठाने को तैयार नहीं थी. ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने संकटमोचन कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के उपमुख्मंत्री डीके शिवकुमार के साथ हरियाणा के पूर्व सीएम भुपेंद्र हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा. यहां दोनों नेताओं ने सीएम सुक्खू और विधायकों से अलग-अलग बात की.
दोनों पर्यवेक्षकों ने विक्रमादित्य सिंह से भी बात की और उनको मनाने में सफल साबित भी हुए. यहां तक कि डीके शिवकुमार के प्रयास सुक्खू सरकार सियासी संकट से उबर गई. लेकिन विक्रमादित्य सिंह द्वारा फेसबुक प्रोफाइल में किए गए बदलाव से राज्य में फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के समर्थन में वोट करने वाले कांग्रेस के छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है.