Numerology: इन 3 तारीखों में जन्मे व्यक्ति होते हैं पिछले जन्म के कर्जदार
Numerology: न्यूमेरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जिसमें संख्याओं के माध्यम से व्यक्तित्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। न्यूमेरोलॉजी एक्सपर्ट्स संख्याओं के माध्यम से विश्लेषण कर जो भविष्यवाणियां करते हैं, वे न केवल सटीक बल्कि अक्सर चौंकाने वाले होते हैं। ऐसा लगता है संख्याएं बात करती हैं।
अंक ज्योतिष के मुताबिक जन्म की तारीख से जुड़ी संख्याएं केवल इस जन्म की नहीं बल्कि पिछले जन्मों का भी हिसाब-किताब बात देती हैं। इस अवधारणा के अनुसार, माना जाता है कि हम अपने पिछले जन्मों के कर्मों का फल इस जन्म में भुगतते हैं। यह कर्ज किसी भी रूप में हो सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, संबंधों में कठिनाइयां, आर्थिक संकट या कुछ प्रकार के कर्तव्य। आइए जानते हैं कि किन 3 तारीखों में जन्मे व्यक्तियों को पिछले जन्म का कर्ज इस जन्म में चुकाना होता है।
13 तारीख
किसी भी महीने की 13 तारीख को इस दुनिया में आए लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे दुनिया में केवल और केवल काम करने के लिए पैदा हुए हैं। अंक ज्योतिष के मुताबिक अंग्रेजी की कहावत ‘All Work No Play’ इन तारीख को पैदा हुए लोगों के लिए ही बनी है। कहते हैं, पिछले जन्म का यह कर्ज केवल काम करने से पेबैक (Payback) यानी खत्म होगी। मान्यता है, पिछले जन्म में जो काम करना अनिवार्य था, उससे भागने कारण इस जन्म में यह बाध्यकारी हो गया है।
14 तारीख
किसी भी महीने की 14 तारीख को इस धरती पर पैदा होने वाले व्यक्तियों के बारे में अंक ज्योतिष कहता है कि पिछले जन्म में इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने का काम किया था। ये हर जवाबदेही को लेने से कतराते थे। इसलिए इस तारीख को पैदा हुए व्यक्ति इस जन्म में रिस्पॉन्सिबिलिटीज बंधे रहते हैं। कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का यह बंधन काम के प्रति हो सकता है, किसी रिश्ते जैसे पत्नी, दोस्त, बहन, संतान एक प्रति हो सकता है और जिसे हर हाल में पूरा करना ही पड़ेगा। इस जन्म नहीं बच सकते हैं।
16 तारीख
न्यूमेरोलॉजी के मुताबिक किसी भी महीने की 16 तारीख को जन्मे व्यक्तियों की परेशानी कोई और नहीं बल्कि यूनिवर्स होता हैं। इसे हम यानी दैवी शक्तियां भी कह सकते है। इनका काम ऐसे जगह और ऐसे वक्त में खराब होता है, जहां किसी प्रकार का कोई मानवीय हस्तक्षेप (Human Interference) नहीं होता है। अंक ज्योतिष में इसे दैवी प्रकोप कहा जाता है। ऐसा पिछले जन्म के कारण होता है। कहते हैं कि पिछले जन्म देवी-देवताओं और घर के बड़े-बुजुर्ग के अपमान करने से अगले जन्म में इस प्रकार की दैवी समस्याएं आती हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। YUGVARTA NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है।