US Presidential Election / ट्रंप या कमला हैरिस, कौन जीत रहा है चुनाव? जानें, अमेरिका के वोटर्स की क्या है राय
US Presidential Election: अमेरिका में 5 नवंबर को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से ठीक 10 दिन पहले मुकाबला बहुत ही नजदीकी हो गया है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, दोनों ही कड़े मुकाबले वाले अहम राज्यों में मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। हाल ही में CNN के राष्ट्रीय स्तर पर किए गए अंतिम सर्वे में पाया गया कि 47% मतदाता कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं, जबकि इतनी ही संख्या में मतदाता ट्रंप का पक्ष ले रहे हैं।
सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर का संकेत
न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज के बीच 20 से 23 अक्टूबर को किए गए सर्वे में भी 48% मतदाताओं का समर्थन कमला हैरिस को है, जबकि उतना ही समर्थन ट्रंप को मिला है। वहीं, 4% मतदाता अभी तक अपने निर्णय को लेकर असमंजस में हैं। एक अन्य सर्वेक्षण में पाया गया कि 44% लोग अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए ट्रंप पर भरोसा दिखाते हैं, जबकि 43% हैरिस को इस पर भरोसेमंद मानते हैं। हालांकि, ‘538 पोल ट्रैकर’ के मुताबिक हैरिस को 1.7% अंकों की मामूली बढ़त हासिल है, जो दोनों उम्मीदवारों के बीच की करीबी टक्कर को दर्शाता है।
निर्णायक राज्य: व्हाइट हाउस की दौड़ में अहम
538 चुनावी मतों में से 270 वोट जीतने के लिए जरूरी हैं, और ऐसे 7 प्रमुख राज्य हैं जहां मुकाबला बहुत कड़ा है। जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना, पेंसिल्वेनिया, नॉर्थ कैरोलिना, विस्कॉन्सिन, और नेवाडा जैसे राज्य देश के अगले राष्ट्रपति को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इन राज्यों में बढ़ते समर्थन के लिए दोनों उम्मीदवार अपने अंतिम प्रयासों में जोर-शोर से लगे हुए हैं, ताकि वे अधिक से अधिक 'लोकप्रिय मत' या पॉप्युलर वोट अपने पक्ष में कर सकें।
कमला हैरिस का प्रजनन अधिकारों पर फोकस, ट्रंप का प्रवासन मुद्दा
आखिरी दौर की रैलियों में कमला हैरिस ने महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए प्रजनन अधिकारों पर जोर देना शुरू किया है। ह्यूस्टन में आयोजित अपनी रैली में हैरिस ने गर्भपात पर लगे सख्त प्रतिबंधों को हटाने की बात की और इसे महिलाओं के मौलिक अधिकारों में शामिल किया। उनका कहना है कि टेक्सास और 13 अन्य राज्यों में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध हटने चाहिए, ताकि महिलाओं को उनके प्रजनन अधिकार मिल सकें। इसके उलट, डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रवासन विरोधी विचारों को सामने रखकर परंपरागत रूढ़िवादी मतदाताओं को लुभा रहे हैं।