मिडिल ईस्ट में तबाही ला दूंगा,डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को दी सीधी चेतावनी
Donald Trump News: डोनाल्ड ट्रंप, जो 20 जनवरी, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले हैं, ने शपथग्रहण से पहले ही अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं। हाल ही में उन्होंने फिलिस्तीनी समूह हमास को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके शपथग्रहण से पहले इजरायली बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप ने यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बंधकों को रिहा करने में हो रही देरी का खामियाजा पूरे मध्य पूर्व को उठाना पड़ेगा।
ट्रंप ने हमास को दी सीधी चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने हमास की कड़ी आलोचना करते हुए इसे "हिंसक और अमानवीय" करार दिया। उन्होंने कहा कि इजरायली नागरिकों को बंधक बनाना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति और मानवता के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा, "बंधकों को अविलंब रिहा करना होगा, वरना अमेरिका ऐसा कदम उठाएगा जो इतिहास में सबसे बड़ा और निर्णायक होगा।"
ट्रंप ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने इस मामले में केवल बातचीत की, लेकिन ठोस कार्रवाई करने में असफल रहीं। उन्होंने अपनी आगामी प्रशासनिक नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य अमेरिकी हितों और उसके सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मध्य पूर्व की मौजूदा स्थिति
हमास और इजरायल के बीच तनाव 7 अक्टूबर, 2023 को उस समय बढ़ गया जब हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया। इस हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। जवाब में, इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए, जिसमें 45,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और सुरक्षा की बहस को और तेज कर दिया है। ट्रंप का बयान इस क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकता है, लेकिन उनके समर्थकों का मानना है कि यह सख्त रुख समाधान की दिशा में पहला कदम हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ट्रंप के बयान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मिश्रित प्रतिक्रिया आई है। कुछ देशों ने उनके कड़े रुख की सराहना की, जबकि अन्य ने इस बयान को क्षेत्र में शांति प्रयासों के लिए हानिकारक बताया। संयुक्त राष्ट्र ने भी ट्रंप के बयान पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
ट्रंप की रणनीति और अमेरिका की भूमिका
ट्रंप की यह चेतावनी उनके आने वाले कार्यकाल में अमेरिका की विदेश नीति की झलक देती है। उनका संदेश स्पष्ट है कि अमेरिका आतंकवाद और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा।
हालांकि, यह देखना बाकी है कि ट्रंप प्रशासन हमास और इजरायल के बीच शांति स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाएगा। फिलहाल, ट्रंप के इस बयान ने यह संकेत दे दिया है कि उनका कार्यकाल न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी चुनौतीपूर्ण और निर्णायक साबित हो सकता है।