Jammu-Kashmir News / 'PoK के बिना अधूरा है JK', बोले- राजनाथ सिंह

By Tatkaal Khabar / 14-01-2025 02:55:34 am | 192 Views | 0 Comments
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Jammu-Kashmir News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान की नीतियों को लेकर एक कड़ा संदेश दिया है। 9वें सशस्त्र बल वयोवृद्ध दिवस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर पीओके के बिना अधूरा है। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का केंद्र बनाने के लिए किया जा रहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से अधिक कुछ नहीं है। वहां चल रहे आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और सीमा के पास के लॉन्च पैड भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान को अपने इन आतंकवादी ढांचों को नष्ट करना होगा, अन्यथा उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
पीओके में चल रहे आतंकी शिविरों का मुद्दा उठाया
जम्मू-कश्मीर के अखनूर में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान लगातार पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि बॉर्डर के पास आतंकी प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड बनाए गए हैं। इन इलाकों में लगातार आतंकी गतिविधियां हो रही हैं, और भारत सरकार इन हालात पर नजर रखे हुए है।
इतिहास गवाह है, भारत ने हमेशा पाकिस्तान को हराया है
अखनूर में अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच अखनूर में एक बड़ा युद्ध लड़ा गया था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को विफल कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि हर युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 1965 से ही भारत के खिलाफ आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है। आज भी सीमा पार से आने वाले 80% से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान से ही आते हैं। यदि 1965 के युद्ध के बाद तत्कालीन सरकार युद्ध में मिली सामरिक जीत को रणनीतिक लाभ में बदलने में सफल रहती, तो सीमा पार आतंकवाद उसी समय समाप्त हो गया होता।
उमर अब्दुल्ला की तारीफ करते हुए कश्मीर पर जोर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता देश के बाकी हिस्सों और जम्मू-कश्मीर के बीच की खाई को पाटना है। उन्होंने कहा कि अखनूर में आयोजित वयोवृद्ध दिवस समारोह इस बात का प्रमाण है कि अखनूर का हमारे दिलों में वही स्थान है जो दिल्ली का है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग हमेशा से भारत के साथ खड़े रहे हैं और उन्होंने कभी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वहां के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है।
जम्मू-कश्मीर के मुस्लिमों ने कभी नहीं दिया पाकिस्तान का साथ
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिमों ने कभी पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि न तो 1965 के युद्ध के दौरान और न ही आतंकवाद के चरम पर रहने के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान की ओर झुकाव दिखाया।
उन्होंने मोहम्मद उस्मान जैसे वीर सैनिकों का उदाहरण दिया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि हमारे कई मुस्लिम भाइयों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान गंवाई है। यह दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण को बनाए रखे हुए हैं।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर की शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना भारत का लक्ष्य है और इस दिशा में हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।