पीएम मोदी ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख गबार्ड से की मुलाकात, 'भारत-अमेरिका की मित्रता ' पर चर्चा

By Tatkaal Khabar / 13-02-2025 07:43:32 am | 1597 Views | 0 Comments
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वाशिंगटन । अमेरिका पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली औपचारिक आधिकारिक बैठक में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। बुधवार को तुलसी गबार्ड को अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस बनाए जाने की पुष्टि की गई।
बुधवार रात बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। भारत-अमेरिका मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वह हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं।"

बुधवार को सीनेट में देश की शीर्ष खुफिया पद के लिए हुए मतदान में गबार्ड ने जीत हासिल की और प्रधानमंत्री मोदी से मिलने से कुछ घंटे पहले ही शपथ ली। उन्हें 52 वोट मिले। केवल एक रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ वोट किया।

गबार्ड एक अमेरिकी हिंदू हैं। उनके विरोधियों में से कुछ ने उनके खिलाफ अपने अभियान में उनके धर्म का इस्तेमाल किया। प्रतिनिधि सभा में अपने 11 वर्षों के कार्यकाल के दौरान, वह भारत की प्रबल समर्थक रहीं। उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस सब-कमेटी और सशस्त्र बल समिति में भी काम किया। वह डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य रही और बाद में ट्रंप की सहयोगी बन गईं।

अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने गबार्ड को पद की शपथ दिलाई, जिन्हें ट्रंप ने असाधारण साहस और देशभक्त अमेरिकी महिला बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि उन्हें आर्मी नेशनल गार्ड में तीन बार तैनात किया गया था और वह एक पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेस वुमन हैं।

हवाई से डेमोक्रेटिक कांग्रेस वुमन 43 वर्षीय गबार्ड को जासूसी एजेंसियों की देखरेख के लिए उनकी उपयुक्तता के बारे में द्विदलीय संदेह का सामना करना पड़ा था। गबार्ड ने राष्ट्रपति को उनके प्रति विश्वास के लिए धन्यवाद दिया और शपथ ग्रहण के बाद " खुफिया समुदाय को फिर से केंद्रित करने" की कसम खाई।

नए खुफिया प्रमुख ने कहा कि दुर्भाग्य से अमेरिकी लोगों को खुफिया समुदाय पर बहुत कम भरोसा है। मुख्यतः इसलिए क्योंकि उन्होंने एक ऐसी इकाई का हथियारीकरण और राजनीतिकरण देखा है, जिसे पूरी तरह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित होना चाहिए।

वह पहले भी कई बार पीएम मोदी से मिल चुकी हैं। साल 2019 में एक बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है।

उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को मजबूत करना जारी रखें, जिसे लंबे समय से डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों नेताओं का समर्थन प्राप्त है।"

इस बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बुधवार की बैठक के दौरान चर्चा आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और उभरते खतरों से निपटने के लिए खुफिया सहयोग बढ़ाने पर भी केंद्रित थी। पोस्ट में कहा गया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ एक सार्थक बैठक की। आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और उभरते खतरों से निपटने में खुफिया सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।"