उत्तरकाशी आपदा: मुख्यमंत्री धामी ने नियंत्रण कक्ष से किया राहत कार्यों का समीक्षा, चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर अलर्ट पर

उत्तरकाशी, 6 अगस्त 2025 — उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और राहत कार्यों को और अधिक तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू और मेडिकल कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, और बचाव किए गए लोगों के लिए भोजन व आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।रेस्क्यू कैंप, मेडिकल सुविधा और भोजन की व्यवस्था युद्धस्तर पर; मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारंभ किए जा चुके हैं और प्रशासन लगातार पूरे समर्पण के साथ कार्यरत है।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह अलर्ट पर हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तत्काल हवाई राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा सकें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और हर प्रभावित नागरिक तक शीघ्र सहायता पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हाल ही में हुए बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटना में व्यापक नुकसान हुआ है। दर्जनों लोग अब तक सुरक्षित निकाले जा चुके हैं, जबकि राहत एवं बचाव कार्य प्रशासन, सेना, SDRF और NDRF की संयुक्त टीमों द्वारा लगातार जारी हैं। मौसम विभाग द्वारा भारी वर्षा की चेतावनी के बीच प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए सतर्क है।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह अलर्ट पर हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तत्काल हवाई राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा सकें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और हर प्रभावित नागरिक तक शीघ्र सहायता पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हाल ही में हुए बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटना में व्यापक नुकसान हुआ है। दर्जनों लोग अब तक सुरक्षित निकाले जा चुके हैं, जबकि राहत एवं बचाव कार्य प्रशासन, सेना, SDRF और NDRF की संयुक्त टीमों द्वारा लगातार जारी हैं। मौसम विभाग द्वारा भारी वर्षा की चेतावनी के बीच प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए सतर्क है।