दिल्ली HC :अहम फैसला: वैवाहिक जीवन में बाहरी हस्तक्षेप से दरार पर पत्नी हर्जाना मांग सकती

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि यदि किसी तीसरे पक्ष ने जानबूझकर और गलत तरीके से किसी दंपति के वैवाहिक रिश्ते में हस्तक्षेप किया है, जिससे रिश्ते में दरार आई है, तो पत्नी उस तीसरे पक्ष से हर्जाना मांग सकती है। यह निर्णय ‘Alienation of Affection’ (AoA) के सिद्धांत पर आधारित है, जो भारतीय कानून में पहली बार इस प्रकार से लागू किया गया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों की सुनवाई पारिवारिक न्यायालय के बजाय सिविल कोर्ट में होगी। इस फैसले से यह सिद्ध होता है कि वैवाहिक रिश्ते में बाहरी हस्तक्षेप को लेकर पत्नी को कानूनी राहत मिल सकती है।
इस मामले में, पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसके पति की कथित प्रेमिका ने जानबूझकर और गलत तरीके से उनके रिश्ते में हस्तक्षेप किया, जिससे उसके पति का प्यार और स्नेह उससे छिन गया। कोर्ट ने इस आरोप को गंभीरता से लिया और सिविल मुकदमा दायर करने की अनुमति दी। यह निर्णय भारतीय न्यायपालिका में एक नया कदम है, जो वैवाहिक रिश्तों की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करता है।