शिक्षक दिवस पर पी एम मोदी बोले ;आसपास के माहौल में लाएं डिजिटल बदलाव
देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। शिक्षकों (गुरुओं) के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर सरकार भी शिक्षकों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित करती है।
शिक्षक दिवस से एक दिन पहले 4 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2017 के विजेताओं से बातचीत की। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी इस मौके पर वहां मौजूद थे।
पीएम मोदी ने देश में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने शिक्षा के प्रति समर्पण के साथ-साथ इसे जीवन मंत्र बनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक आजीवन ज्ञान की धारा से जुड़े रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान पुरस्कार विजेताओं से समुदाय को एकजुट करने और उन्हें स्कूलों में सुव्यवस्थित विकास का एक अभिन्न अंग बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने शिक्षकों से विशेषकर गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों की अंतर्निहित प्रतिभा को निखारने की दिशा में काम करने का आह्वान भी किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षाविशारदों को गुरु एवं शिष्य की प्राचीन पावन परंपरा को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि विद्यार्थीगण आजीवन अपने शिक्षकों को स्मरण करें। उन्होंने शिक्षकों को अपने स्कूलों एवं उसके आसपास के माहौल में डिजिटल बदलाव लाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।