नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की करें उपासना, मिलेंगे कई वरदान
नवरात्रि के दूसरे दिन दुुर्गा मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है। इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है। विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी होती है। मान्यता है कि जिनका चन्द्रमा कमजोर हो, उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत अनुकूल होती है। इस बार मां के दूसरे स्वरूप की उपासना 07 अप्रैल को की जा रही है।
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करें।
– मां को सफ़ेद वस्तुएं अर्पित करें। जैसे- मिसरी, शक्कर या पंचामृत।
– ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है।
– लेकिन मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप सबसे उत्तम माना जाता है।
– जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
देवी को सफ़ेद पुष्प अर्पित करें और सफ़ेद वस्तुओं का भोग लगाएं।
– देवी को चांदी का अर्ध चन्द्र भी अर्पित करें।
– इसके बाद “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का कम से कम 3 माला जाप करें।
– अब अर्ध चंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लें।
– आपकी मानसिक बीमारियां दूर होंगी।
दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं।
– भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें।
– सब लोगों की आयु में वृद्धि होगी।
नवरात्रि में किसी भी दिन एक पानी वाला नारियल लें।
– उसे अपनी गोद में रख लें।
– इसके बाद “ॐ दुं दुर्गाय नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
– नारियल को ले जाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
– आपकी सारी दरिद्रता दूर होगी।