टीम इंडिया का सीरीज पर कब्ज़ा, इंग्लैंड को 15 रनों से हराकर 2-0 से जीती सीरीज़…
भारत और इंग्लैंड के बीच कटक में खेले जा रहे दूसरे वनडे मुकाबले को 15 रनों से जीतकर टीम इंडिया ने 3 मैचों की सीरीज़ को 2-0 से जीतकर अपने नाम कर लिया है. 381 रनों के जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरी इंग्लैंड की टीम को कप्तान इओन मॉर्गन ने सहारा दिया और अपने वनडे करियर का 9वां शतक लगाया लेकिन आखिरी ओवरों में बुमराह के हाथों इंग्लिश कप्तान के रन-आउट होने के बाद अंतिम ओवरों में इंग्लैंड की उम्मीदों को टीम इंडिया ने पूरी तरह से धवस्त कर दिया. भारत के लिए रविन्द्र जडेजा(1), आर अश्विन(3) और भुवनेश्वकर कुमार(1) ने बेहद शानदार गेंदबाज़ी करते हुए मेहमान टीम की सीरीज़ बराबर करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इंग्लैंड के लिए कप्तान मोर्गन ने सर्वाधिक 102 रन, जेसन रॉय(82) जबकि मोईन अली के 55 रनों के अलावा और कोई बल्लेबाज़ खास कमाल नहीं दिखा सका. उससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए विश्व कप-2011 में शतकीय पारी के बाद रनों का सूखा झेल रहे युवराज सिंह ने अपना पहला शतक जड़ते हुए पुराने जोड़ीदार महेन्द्र सिंह धौनी (134) के साथ इंग्लैंड के खिलाफ चौथे विकेट के लिए 256 रनों की साझेदारी कर भारत को 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 381 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंचाया था. यह इंग्लैंड के खिलाफ किसी भी टीम का तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है. साथ ही यह भारत का इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा सर्वोच्च स्कोर है. स हारने के बाद भारत ने इंग्लैंड द्वारा बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर 25 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो दिए थे. लोकेश राहुल (5), शिखर धवन (11) और कप्तान कोहली (8) पवेलियन लौट चुके थे. इसके बाद युवराज और धौनी की अनुभवी जोड़ी ने अपनी कुशलता का परिचय देते हुए टीम को मजबूती प्रदान किया. दोनों ने चौथे विकेट के लिए 38.2 ओवरों में 6.67 की औसत से रन जोड़े. यह एकदिवसीय क्रिकेट में चौथे विकेट के लिए अभी तक की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है. लगातार टीम से अंदर-बाहर हो रहे युवराज ने इस मैच में पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की और अपने ट्रैडमार्क शॉट्स खेले. पूर्व कप्तान धौनी ने युवराज का बखूबी साथ दिया और उन्हें स्ट्राइक देते रहे. युवराज का यह एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर भी है. शुरुआत में धीमी बल्लेबाज कर रहे धौनी ने अंतिम ओवरों में रफ्तार पकड़ी. उन्होंने क्रिस वोक्स द्वारा फेंके गए 43वें ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का मारते हुए एकदिवसीय में 200 छक्के अपने नाम दर्ज किए. यह किसी भी भारतीय द्वारा इस प्रारूप में लगाए गए सबसे ज्यादा छक्के हैं. इस मैच में उन्होंने 122 गेंदें खेलते हुए 10 चौके और छह छक्के जड़े. उनके नाम अब 203 छक्के दर्ज हो गए हैं. इसके साथ ही धौनी ने एकदिवसीय में चार साल बाद शतक जड़ा है. उन्होंने अपना अंतिम शतक 23 अक्टूबर, 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में जड़ा था. युवराज ने अपना आखिरी शतक 2011 विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई में जड़ा था. संकट में फंसी भारतीय टीम को इन दोनों बल्लेबाजों से उम्मीदें थीं. दोनों ने अपने विशाल अनुभव का इस्तेमाल करते हुए पारी को संभाला. शुरू में युवराज और धौनी ने संयम से खेलते हुए रन बटोरे और फिर विकेट पर जमने के बाद खुलकर अपने शॉट्स खेले. युवराज ने पहली बार एकदिवसीय में 150 रनों का आकंड़ा छुआ. वह 281 के कुल स्कोर पर वोक्स की गेंद पर विकेट के पीछे जोस बटलर द्वारा लपके गए. उन्होंने 127 गेंदों में 21 चौके और तीन छक्के लगाए. धौनी ने युवराज के जाने के बाद एक्सीलेटर पर पांव रखा और तेजी से रन बटोरे. पहले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले केदार जाधव ने भी आते ही बड़े शॉट्स लगाने शुरू कर दिए. जाधव ने 10 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 22 रन बनाए. धौनी 48वें ओवर की आखिरी गेंद पर आउट हुए. उन्हें लियाम प्लंकट ने डेविड विले के हाथों कैच कराया. हार्दिक पंड्या (नाबाद 19) और रवींद्र जडेजा (नाबाद 16) ने टीम को 381 के आकंड़े तक पहुंचाया.