गंगा की स्वच्छता सरकार की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या
28 जनवरी, गाजीपुर। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि गंगा मां हम लोगों के उद्धार के लिए धरती पर आईं, उनकी स्वच्छता सरकार ही नहीं समाज की भी जिम्मेदारी है। गंगा जी के किनारे रहने वाले लोगों का भरण पोषण गंगा मईया कर रही हैं। गंगा के किनारे के खेतों में बिना किसी खाद बीज के ही फसलें लहलहाती है। जिनमें गंगा जी के लिए भाव नहीं है, वे गंगा यात्रा पर सवाल उठा रहे हैं।
गंगा यात्रा के दूसरे दिन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने गाजीपुर के सैदपुर मैदान में जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा का जिस प्रकार से जनता ने स्वागत किया है, उन सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। ये कोई साधारण यात्रा नहीं है, ‘जब तक गंगा-यमुना में पानी रहे, सभी की जिंदगानी रहे।’ ऐसा आशीर्वाद हमारे बड़े बुजुर्ग हमें देते हैं। गंगा हमारे लिए मां है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि आप सभी को पता है कि दुनिया भर से 24 करोड़ लोग प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगा कर गंगा जी का आशीर्वाद लिया। गंगा किसी जाति धर्म और मजहब की नहीं है, गंगा सबकी है। गंगा यात्रा का उद्देश्य गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने के साथ-साथ सभी को गंगा अर्थ से जोड़ना है। लोगों को जागरूक करना है। गंगा किनारे के गांवों में गंगा पार्क और जैविक खेती होने जा रही है। गंगा तालाब का निर्माण सरकार करवा रही है। इससे गांवों का विकास होगा।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि गंगा किनारे किसानों को मैं आह्वान करूँगा कि गंगा तट वाले खेतों में ऑर्गनिक खेती करें, जिससे न केवल गंगा जी निर्मल होंगी, बल्कि हमें शुद्ध अन्न मिल सकेगा। प्रदेश सरकार ऑर्गनिक खेती की व्यवस्था कर रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा पॉलीथिन हमें बीमार कर रही है, आप लोग पॉलीथिन और प्लस्टिक उत्पादों को गंगा जी में न गिरने दें, हम सबका दायित्व है कि गंगा जी को निर्मल और अविरल करने में भागीदार बने। गंगा जी के किनारे अंतिम संस्कार न करें, इससे गंगा जी प्रदूषित होती हैं। हमें गंगा जी के पुराने स्वरूप को वापस लाना है। यहां से उप मुख्यमंत्री ने वाराणसी के लिए रथ लेकर गंगा यात्रा पर रवाना हो गए।