शिक्षकों की योग्यता बढ़ाकर हम उन्हें पूरी दुनिया में भेज सकते हैं:CMयोगी आदित्यनाथ
10 फरवरी, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में भारतीय शिक्षकों की मांग सबसे ज्यादा है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए हम शिक्षकों को अपने कॉलेजों में दूसरे देशों की भाषा की ट्रेनिंग दे सकते हैं और उनकी योग्यता बढ़ाकर हम उन्हें वहां भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने मत और मजहब के भेद को दूर किया जिसका जीवंत उदाहरण गोरखनाथ मंदिर में चलने वाले लंगर में देखा जा सकता है, जहां हर मत और मजहब के लोग आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दिग्विजयनाथ एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय में 'भारतीय संस्कृति के सांस्कृतिक मूल्य महंत अवेद्यनाथ' विषय पर संगोष्ठी के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि इस संस्था ने शुरुआत से ही शिक्षा की क्वालिटी बनाएं रखने पर फोकस किया यही कारण है कि प्रदेश के अंदर शिक्षकों की लंबी श्रृंखला इस संस्था ने दी है। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी का इस बात पर हमेशा ध्यान रहता था कि संस्थान अपने कार्यक्रम और अपनी गतिविधियों के माध्यम से अपनी छवि को इस रुप में प्रस्तुत करें जो दूसरों के लिए प्रेरणादायी बन सकें। हम लोगों को इस तरह के कार्यों को आगे बढ़ाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने कभी भी समाज की कुरीतियों और बुराइयों को दूर करने में संकोच नहीं किया और यही वजह है कि पूरे देश के संतों ने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए उन्हें अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया था। उन्होंने मानवीय संवेदनाओं को बखूबी समझा और अपना पूरा जीवन समाज कल्याण के लिए न्योछावर कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के अंदर सबसे ज्यादा युवा उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। इन युवाओं को जब भी मंच मिला इन्होंने अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का लोहा मनवाया है। हमने कभी यहां के पोटंशियल को समझने का प्रयास नहीं किया। उत्तर प्रदेश में जितने भी शिक्षण संस्थान हैं उन्हें अपने यहां इस बात को देखना चाहिए कि वो कौन से देश हैं जहां शिक्षकों की आवश्यकता है और वहां की भाषा क्या है। जिससे वो वहां की भाषा को उनके रेगुलर पाठ्यक्रम से जोड़ सके और उन्हें योग्य शिक्षक बनाकर भेज सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। लेकिन जो तस्वीर हम लोगों के सामने आई वो चिंता की बात है। प्रशिक्षित स्नातकों का परीक्षा परिणाम आया, जिसमें 70 फीसदी लोग फेल हो गए, यानि यह दर्शाता है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता किस तरफ जा रही है। इसलिए हमे अपनी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा।