"भारत लगाएगा 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध" आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत होगा निर्माण -राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री
नई दिल्ली 9 अगस्त
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की रविवार को घोषणा की। इन उपकरणों में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। सिंह ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए अनुमान लगाया कि इन निर्णय से अगले पांच से सात साल में घरेलू रक्षा उद्योग को करीब चार लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे। उन्होंने कहा रक्षा मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ आह्वान को आगेरक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने तीनों सेनाओं, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों, आयुध कारखाना बोर्ड और निजी उद्योगों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद यह सूची तैयार की है।
100 से अधिक हथियार जिनका आयात रोककर आत्मनिर्भर बनेगा भारत, जानिए कौन-कौन से है हथियार शामिल
अनुमान के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बल अगले पांच वर्षों में 130 अरब डॉलर की खरीद करने वाले हैं। सिंह ने कहा, यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारतीय रक्षा उद्योग को इस सूची में शामिल वस्तुओं का अपने स्वयं के डिजाइन व विकास क्षमताओं का उपयोग करके या डीआरडीओ द्वारा विकसित व डिजाइन की गयी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर मौके का फायदा उठाने का अवसर देता है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने 2020-21 के पूंजीगत खरीद बजट को घरेलू व विदेशी पूंजीगत खरीद में विभक्त किया है। सिंह ने कहा कि इस सूची में शामिल किये गये उपकरणों का घरेलू विनिर्माण तय समयसीमा के भीतर सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन उपायों में रक्षा सेवाओं के द्वारा उद्योग जगत को ऊपर उठाने का एक समन्वित तंत्र भी शामिल होगा। उन्होंने कहा, आयात पर इस रोक को 2020 और 2024 के बीच उत्तरोत्तर अमल में लानेकी योजना है। सूची की घोषणा के पीछे का उद्देश्य सशस्त्र बलों की प्रत्याशित आवश्यकताओं के बारे में भारतीय रक्षा उद्योग को अवगत कराना है, ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये बेहतर रूप से तैयार हो सकें।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने तीनों सेनाओं, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों, आयुध कारखाना बोर्ड और निजी उद्योगों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद यह सूची तैयार की है। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों सैन्य सेवाओं ने अप्रैल, 2015 से अगस्त 2020 के बीच 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी वस्तुओं की लगभग 260 योजनाओं का अनुबंध दिया। इन 101 वस्तुओं के आयात पर लगी नयी रोक से यह अनुमान है कि अगले पांच से सात वर्षों में घरेलू उद्योग को लगभग चार लाख करोड़ रुपये के अनुबंध मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस अवधि के दौरान (अगले पांच से सात साल) इनमें से थलसेना और वायुसेना दोनों के लिये लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये की वस्तुओं तथा नौसेना के लिये 1,40,000 करोड़ रुपये की वस्तुओं की खरीद का अनुमान लगाया गया है।’’ सिंह ने कहा कि सूची में पहिये वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी) भी शामिल हैं, जिनके लिये अमल की सांकेतिक तिथि दिसंबर, 2021 है। थलसेना के द्वारा पांच हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ऐसे 200 वाहनों के अनुबंध दिये जाने के अनुमान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह नौसेना के द्वारा दिसंबर, 2021 की सांकेतिक अमल तारीख के साथ पनडुब्बियों की खरीद के अनुमान हैं। नौसेना करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह ऐसी पनडुब्बियों के अनुबंध दे सकती है।
वायुसेना के लिये हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए को सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है, जिनके लिये अमल की सांकेतिक तारीख दिसंबर, 2020 होगी। वायुसेना के द्वारा 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत पर 123 ऐसे विमानों के अनुबंध दिये जाने के अनुमान हैं।’’ एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, 69 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध दिसंबर, 2020 से लागू होगा, जबकि अन्य 11 वस्तुओं पर प्रतिबंध दिसंबर 2021 से लागू होगा। दिसंबर, 2022 से आयात प्रतिबंधों के लिये चार वस्तुओं की एक अलग सूची की पहचान की गयी है, जबकि आठ वस्तुओं के दो अलग-अलग खंडों पर प्रतिबंध दिसंबर, 2023 और दिसंबर, 2024 से लागू होगा। लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों पर आयात प्रतिबंध दिसंबर, 2025 से लागू होगा।