बजट 2017: वित्त मंत्रालय में सब पर रहती है नज़र, टैप होते हैं फोन...

By Prashant Jaiswal / 21-01-2017 04:28:34 am | 37920 Views | 0 Comments
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बजट की तैयारियों के शुरू होते ही नार्थ ब्लाक स्थित वित्त मंत्रालय में प्रेस पर रोक लगा दी जाती है. साथ ही बजट पर काम कर रहे अधिकारियों को सभी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है. बजट की तैयारियों के दौरान सरकार कितनी सावधानियां बरत्ती है. इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी की शुरुआत के साथ ही वित्त मंत्रालय में पत्रकारों पर कई पाबंदियां लगा दी जाती हैं. ताकि बजट से जुड़ी कोई जानकारी या कोई कागजात लीक न हो जाए. वित्त मंत्रालय की सभी जानकारी गोपनीय रहे, इस पर ध्यान रखने के लिए खुफिया विभाग के अधिकारी अपना काम शुरू कर देते हैं. वित्त मंत्रालय से जुड़े बड़े-बड़े अधिकारियों के फोन इस दौरान टैप किये जाते हैं, ताकि बजट प्रावधान के बारे में किसी बाहरी व्यक्ति को पता न चले. इतना ही नहीं वित्त मंत्रालय में आनेवाले हर शख्स पर लगातार सीसीटीवी की नजर रहती है. उन्हें उन्हीं कुरसियों पर बैठने दिया जाता है, जिनपर सीसीटीवी की निगरानी रहती है. वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बनी प्रेस में ही बजट के सभी कागजातों की छपाई होती है. बजट के लगभग एक महीनें पहले ही प्रिंटिंग से जुड़े लगभग 100 लोग यहीं रहते हैं. इन्हें घर भी नहीं जाने दिया जाता. किसी भी कामगार या अधिकारी का स्वास्थ्य खराब होने या प्रेस में काम कर रहे लोगों की आपात हालातों में चिकित्सा के लिए लगातार डॉक्टर वहां तैनात रहते हैं. प्रेस के लोगों की सुरक्षा इन दिनों सबसे अहम हो जाती है. यहां तक कि कैंटीन का भोजन भी इन्हें टेस्ट करके ही परोसा जाता है. ताकि इन्हें कोई नुकसान न पहुंचा सके. आपातकाल प्रेस के किसी कामगार का प्रेस से बाहर जाना अनिवार्य हो जाता है, तो खुफिया विभाग और दिल्ली पुलिस का एक-एक अधिकारी उसके साथ साये की तरह रहता है. दोनों उसे अपनी आंखों से एक पल के लिए भी ओझल नहीं होने देते. ये सभी अधिकारी वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही अपने परिवार वालों से मिलते है. या यूँ कह लें कि बजट आने तक सभी अधिकारी नजरबन्द कर दिए जातें हैं.