Uttarkashi Cloudburst: मलबे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए हो रहा इस खास रडार का इस्तेमाल

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी की धराली आपदा के छठे दिन भी SDRF उत्तराखंड पुलिस की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मलबे में दबी जिंदगी को ढूंढ रहे हैं। मलबे में दबे लापता लोगों की तलाश के लिए पायनियर उपकरण और प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड की मदद ली जा रही है। डॉग स्क्वाड संभावित जीवन के संकेत ढूंढ रहा है, जबकि पायनियर उपकरणों से मलबा हटाकर भवनों की सुरक्षित जांच की जा रही है। इसके साथ ही धराली और हर्षिल में रडार का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो जमीन के नीचे दबी मानव या धातु की वस्तुओं की पहचान कर सकता है।
ब्रिगेडियर MS ढिल्लों ने उत्तरकाशी में धराली-हरसिल क्षेत्र में बादल फटने के बाद चल रहे तलाशी अभियान पर अपडेट दिया। उन्होंने कहा- 5 अगस्त से सेना, राज्य सरकार और बाकी एजेंसियां बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं। हमारा आज का ध्यान दबे लोगों को खोजने पर है। हम ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग कर रहे हैं जो जमीन के नीचे दबी मानव या धातु की वस्तुओं की पहचान कर सकता है। इसके अलावा, हमने एक उपग्रह संचार भी स्थापित किया है ताकि राहत कार्य में कोई बाधा न आए।
हर्षिल और धराली में हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन
मौसम साफ होने के बाद हर्षिल और धराली से हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है। अब तक 1126 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से 480 लोगों को हर्षिल और नेलांग से निकालकर जोलीग्रांट, मटली और चिन्यालीसौड़ पहुंचाया गया। हेलीकॉप्टरों के 270 सोर्टीज के जरिए चिन्यालीसौड़, जॉलीग्रांट, मातली और हर्षिल से आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को पहुंचाया गया है।
लिमचीगाड़ पुल तैयार होने से तेजी आएगी
गंगोत्री हाईवे पर डबरानी-गंगनानी के पास वैली ब्रिज का स्ट्रक्चर कार्य पूरा हो गया है और लिमचीगाड़ से आगे यातायात सुचारू होने की संभावना है। धराली की कनेक्टिविटी के लिए अहम लिमचीगाड़ पुल के तैयार होने से रेस्क्यू अभियान में तेजी आने की उम्मीद है। इसके बाद मशीनरी आगे बढ़ाकर रोड को जोड़ा जाएगा।
हर्षिल में बिजली आपूर्ति बहाल
हर्षिल घाटी में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। हर्षिल और धराली में डीजल और खाना बनाने वाली गैस की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की गई है, जबकि सड़क मार्ग बाधित होने के कारण खाने का सामान खच्चरों के जरिए पहुंचाया जा रहा है। मुख्य सचिव ने धराली में जल पुलिस के लिए नावें भेजने के आदेश भी जारी किए हैं, ताकि नदी और जलमार्गों में चल रहे सर्च ऑपरेशन को तेज किया जा सके। भूवैज्ञानिकों की टीमें भी उत्तरकाशी और पौड़ी जिलों में भेजी गई हैं, जो आपदा के कारणों की जांच कर रही हैं और एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू अभियान की समीक्षा कर रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी संबंधित एजेंसियों को आपसी तालमेल के साथ काम करने और प्रभावित इलाकों को सेक्टरों में बांटने के निर्देश दिए हैं, ताकि राहत कार्य तेज और प्रभावी तरीके से हो सके।