भारत करेगा 30,000 करोड़ के हथियारों का अधिग्रहण- CDS बिपिन रावत
डीआरडीओ (DRDO) में आयोजित एक कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन (CDS Bipin Rawat) रावत ने कहा कि इस वक़्त हमारा देश हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और जिस तरह से हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, ये बहुत जरूरी है कि डीआरडीओ पूरी लगन के साथ काम करता रहे. उन्होंने कहा ''कल हमारी रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई, जिसमें क़रीब 30,000 करोड़ के हथियार और अन्य उपकरण की स्वीकृति रक्षा मंत्री ने दी है. इसमें से 90 फीसदी हथियार और उपकरण भारत में बनाए जाएंगे. इन सबमें डीआरडीओ का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
इससे पहले गुरुवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत लद्दाख में अपनी स्थिति से समझौता नहीं करेगा और अप्रैल 2020 में यथास्थिति बहाल करना ही एकमात्र रास्ता है. गुरुवार को रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना द्वारा आवश्यक 28,000 करोड़ के हथियारों के अधिग्रहण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी. राजनाथ ने कहा कि इन अधिग्रहणों में से27,000 करोड़ रुपये के उपकरण भारत सरकार की ओर से मेक इन इंडिया और सरकार द्वारा भारत की पहल के प्रयास में लिए जाएंगे.
जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, उनमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित भारतीय वायु सेना के लिए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW & C) सिस्टम शामिल हैं. भारतीय सेना के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत और भारतीय सेना के लिए मॉड्यूलर पुल रक्षा मंत्रालय के निकाय द्वारा अनुमोदित अन्य अधिग्रहण प्रस्ताव हैं.
इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि डीएसी ने पूर्व में तीनों सेवाओं के लिए 300 करोड़ रुपये तक की आपातकालीन खरीद करने के लिए अपनी आकस्मिक परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शक्तियां निर्धारित की हैं.