भीषण ठंड के बीच जारी है किसानों का प्रदर्शन, आज शाम 5.30 बजे होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

By Tatkaal Khabar / 01-01-2021 10:58:14 am | 16387 Views | 0 Comments
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सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बनी थी. 
अब अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी को होगी. सरकार से होने वाली अगली बातचीत से पहले 80 किसान संगठनों के नेता आगे की रणनीति को लेकर मंथन कर रहे हैं. इस बैठक के दौरान सरकार से बातचीत के प्रस्ताव और आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. 

इससे पहले प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी. हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में नव वर्ष पर शीत लहर के कहर के बीच न्यूनतम तापमान 15 साल में सबसे कम 1.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. 

उम्मीद है कि किसान आज आपस में बातचीत के बाद शाम साढ़े 5 बजे सिंघू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. इस कॉन्फ्रेंस में किसान संगठन एक बार फिर से अपना ऐजेंडा रख सकते हैं. हालांकि किसान ये पहले से ही कह चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है.

किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश में किसानों के खिलाफ दंड प्रावधानों को छोड़ने की हमारी मांगों और प्रस्तावित बिजली संशोधन कानून को लागू करने पर गौर किया.’’ विरोध प्रदर्शन करने वाले कृषि संगठनों में से एक अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसान नेताओं को कानूनों को निरस्त करने का विकल्प सुझाने की केन्द्र सरकार की अपील असंभव है.

कई मार्ग अब भी बंद
उसने कहा, ‘‘नए कानून कृषि बाजारों, किसानों की जमीन और खाद्य श्रृंखला पर नियंत्रण को कॉरपोरेट्स को सौंप देंगे.’’ इस बीच दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं. प्रदर्शन से कई जगह जाम भी लगा और पुलिस को कुछ मार्गों पर यातायात परिवर्तित करना 

दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट कर लोगों को बंद मार्गों की जानकारी दी और उन्हें दूसरे मार्गों से होकर गुजरने को कहा गया. उसने ट्वीट किया, ‘‘ टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है. झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, एक या दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है.’’ उसने ट्वीट किया, ‘‘ चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है. कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.’’

उसने कहा कि हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं. इस साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.