स्वावलंबन बना महिलाओं की नई पहचान, समूह से जुड़ हो रही आत्मनिर्भर – CM YOGI
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को ऑनलाइन फण्ड हस्तांतरण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ स्वावलंबी हो रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कानपुर की शालिनी देवी है। जिन्होंने समाज की धारणा बदलने का काम किया है। अभी परिवार चलाने की जिम्मेदारी पुरूषों की होती थी लेकिन शालिनी ने पंचायतीराज विभाग द्वारा निर्मित सामुदायिक शौचालय का संचालन कर न सिर्फ अपना परिवार को चला रही बल्कि अपने पति
की आगे पढ़ाई में सहयोग कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं रोजगार से जुड़ेगी तो उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 40 हजार स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड से 15 हजार रुपए प्रति समूह व 2606 समूहों को कम्युनिटी इन्वेंस्टमेंट फंड से 1.10 लाख रुपए प्रति समूह जो कुल 88.86 करोड़ रुपए जारी किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों के साथ संवाद किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन व आपूर्ति के सापेक्ष फतेहपुर व उन्नाव की महिलाओं को एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा प्रति ईकाई 45.60 लाख रुपए का चेक भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न हो। जब महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी तो परिवार के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप गांव की महिलाओं का समूह बनाकर जोड़ा गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं इनमें बीसी सखी, पुष्टाहार वितरण, महिला सामुदायिक शौचालयों का संचालन समेत अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। खासकर जब डेढ़ साल से पूरा विश्व व देश कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा था तो उस दौरान स्वयं सहायता समूहों ने अपनी उपस्थिति का आभास कराया। बड़े पैमाने पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मास्क व पीपीटी किट निर्माण कर अपनी आमदनी बढ़ाई। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए 52 लाख परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का काम किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही है। स्वयं सहायता समूह की 67 हजार महिलाओं ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के एक करोड़ से अधिक ड्रेस सिले गए। इससे प्रत्येक महिला को 6 हजार रुपए की आमदनी हुई। 63 हजार स्वयं सहायता समूह ने 1.47 करोड़ लाभार्थियों ड्राई राशन पहुंचाने का काम किया। 33654 सामुदायिक शौचालय का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। 705 से अधिक प्ररेणा कैंटीन का संचालन समूह की महिलाएं कर रही है। 29 लाख सोलर लैंप का निर्माण कर 7 करोड़ की आमदनी समूहों ने की है। प्रदेश के 56800 ग्राम सभा में बीसी सखी काम कर रही है। ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का गरीबी उन्नमूल हुआ और वह सशक्त हुई है।
इन महिलाओं की बदली तकदीर
बुलंदशहर की प्रीति देवी के पति 8 साल से बीमार है। परिवार चलाने की जिम्मेदारी जब उन पर पड़ी तो उन्होंने हार नहीं मानी। वह राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के ज्योति श्रम स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। समूह से जुड़ कर उन्होंने गांव में राशन वितरण शुरू किया और दस महीने में 70 हजार रूपए की आमदनी हुई। प्रीति आज अपने परिवार का संबल बनी हुई है। महिला सशक्तिकरण एक उदाहरण बनारस की गीता देवी भी है। उनके पति और ससुर गुजरात की एक पावरलूम कंपनी में काम करते थे। राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के सहयोग उन्होंने अपना पावरलूम स्थापित किया। गीता आज अपने तीन पावरलूम चला रही है। उनके पति व ससुर भी उनके साथ काम कर रहे हैं। यही नहीं गीता ने 60 अन्य महिलाओं के पावरलूम स्थपित करने में उनकी मदद की। मुजफ्फरनगर बबीता गांव के लोगों के बिजली बिल जमा करती है। बिल से मिलने वाले कमीशन से उनकी आमदनी बढ़ी है। झांसी की बलिनी मिल्क प्राडयूसर कंपनी से जुड़ बिन्नू राजा कंपनी को 4500 लीटर दूध बेचा है। इससे इनको 1 लाख 74 हजार रुपए की आमदनी हुई है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 40 हजार स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड से 15 हजार रुपए प्रति समूह व 2606 समूहों को कम्युनिटी इन्वेंस्टमेंट फंड से 1.10 लाख रुपए प्रति समूह जो कुल 88.86 करोड़ रुपए जारी किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों के साथ संवाद किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन व आपूर्ति के सापेक्ष फतेहपुर व उन्नाव की महिलाओं को एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा प्रति ईकाई 45.60 लाख रुपए का चेक भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न हो। जब महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी तो परिवार के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप गांव की महिलाओं का समूह बनाकर जोड़ा गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं इनमें बीसी सखी, पुष्टाहार वितरण, महिला सामुदायिक शौचालयों का संचालन समेत अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। खासकर जब डेढ़ साल से पूरा विश्व व देश कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा था तो उस दौरान स्वयं सहायता समूहों ने अपनी उपस्थिति का आभास कराया। बड़े पैमाने पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मास्क व पीपीटी किट निर्माण कर अपनी आमदनी बढ़ाई। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए 52 लाख परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का काम किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही है। स्वयं सहायता समूह की 67 हजार महिलाओं ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के एक करोड़ से अधिक ड्रेस सिले गए। इससे प्रत्येक महिला को 6 हजार रुपए की आमदनी हुई। 63 हजार स्वयं सहायता समूह ने 1.47 करोड़ लाभार्थियों ड्राई राशन पहुंचाने का काम किया। 33654 सामुदायिक शौचालय का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। 705 से अधिक प्ररेणा कैंटीन का संचालन समूह की महिलाएं कर रही है। 29 लाख सोलर लैंप का निर्माण कर 7 करोड़ की आमदनी समूहों ने की है। प्रदेश के 56800 ग्राम सभा में बीसी सखी काम कर रही है। ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का गरीबी उन्नमूल हुआ और वह सशक्त हुई है।
इन महिलाओं की बदली तकदीर
बुलंदशहर की प्रीति देवी के पति 8 साल से बीमार है। परिवार चलाने की जिम्मेदारी जब उन पर पड़ी तो उन्होंने हार नहीं मानी। वह राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के ज्योति श्रम स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। समूह से जुड़ कर उन्होंने गांव में राशन वितरण शुरू किया और दस महीने में 70 हजार रूपए की आमदनी हुई। प्रीति आज अपने परिवार का संबल बनी हुई है। महिला सशक्तिकरण एक उदाहरण बनारस की गीता देवी भी है। उनके पति और ससुर गुजरात की एक पावरलूम कंपनी में काम करते थे। राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के सहयोग उन्होंने अपना पावरलूम स्थापित किया। गीता आज अपने तीन पावरलूम चला रही है। उनके पति व ससुर भी उनके साथ काम कर रहे हैं। यही नहीं गीता ने 60 अन्य महिलाओं के पावरलूम स्थपित करने में उनकी मदद की। मुजफ्फरनगर बबीता गांव के लोगों के बिजली बिल जमा करती है। बिल से मिलने वाले कमीशन से उनकी आमदनी बढ़ी है। झांसी की बलिनी मिल्क प्राडयूसर कंपनी से जुड़ बिन्नू राजा कंपनी को 4500 लीटर दूध बेचा है। इससे इनको 1 लाख 74 हजार रुपए की आमदनी हुई है।