मोदी सरकार के निर्णय से 5 करोड़ गन्ना किसानों को होगा लाभ, भाजपा किसानों के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध: जेपी नड्डा
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य(एफआरपी) बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि इस निर्णय से देश के लगभग पांच करोड़ गन्ना किसानों और लगभग पांच लाख श्रमिकों को लाभ होगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कैबिनेट के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा गन्ने के एफआरपी को बढ़ाकर अब तक के उच्चतम 290 रुपये प्रति क्विंटल किये जाने पर प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार। इस निर्णय से देश के लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों, उनके आश्रितों और लगभग 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार हर कदम पर किसानों की भलाई और उनके सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है। मोदी सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों को सशक्त बनाएगा, बल्कि उनकी आमदनी को भी दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गौरतलब है कि गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 290 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दे दी है।
चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपए प्रति क्विंटल है। 10 प्रतिशत की वसूली दर पर 290 रुपए प्रति क्विंटल की यह एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1 प्रतिशत अधिक है, यह किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न देने के वादे को भी सुनिश्चित करती है।
वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 91,000 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 2,976 लाख टन गन्ने की चीनी मिलों की ओर से खरीद की गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है और न्यूनतम समर्थन मूल्य के मामले में धान की फसल की खरीद के बाद दूसरे स्थान पर है। आगामी चीनी सीजन 2021-22 में गन्ने के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों की ओर से लगभग 3,088 लाख टन गन्ना खरीदे जाने की संभावना है। गन्ना किसानों को किए जाने वाला कुल प्रेषण लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये होगा। सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि गन्ना किसानों को उनकी बकाया धनराशि समय पर मिले।
स्वीकृत एफआरपी चीनी मिलों की ओर से एक अक्टूबर से शुरू होने जा रहे चीनी सीजन से किसानों से गन्ने की खरीद के लिए लागू होगी।