योगी ने यूपी में भाजपा के लिए तैयार कर दिया नया कोर वोट बैंक
विधानसभा चुनाव के महासमर में युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की
सबसे बड़ी पूंजी होंगे। रोजगार और उद्योग के विस्तार से युवाओं को तरक्की का
खुला आसमान देकर योगी ने यूपी में भाजपा के लिए एक नया कोर वोट बैंक तैयार
कर दिया है। जाति और धर्म के भेदभाव से परे युवाओं की यह टीम आने वाले
चुनाव में योगी सरकार की सफलता का बड़ा पैमाना बन सकती है।
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में भाजपा
के लिए समर्थकों की जो पौध लगाई थी, उसका फल आने वाले विधानसभा चुनाव
में मिलना तय है। योगी सरकार ने हमेशा युवाओं को केंद्र में रख कर फैसले लिए।
चाहे वह सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती हो, निजी क्षेत्र में रोजगार और व्यापार
का मामला हो या फिर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हो या अब टैबलेट और स्मार्ट फोन
देने का फैसला। राज्य सरकार के मुखिया के तौर पर योगी ने हर मोर्चे पर युवाओं
का अपनी प्राथमिकता में रखा। नौकरियों और रोजगार के आंकड़े खुद युवाओं के
लिए योगी की इस सकारात्मक पहल के गवाह हैं।
मिशन रोजगार के तहत राज्य सरकार ने युवाओं को जिस स्तर पर
रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये, वैसा यूपी के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। 5
वर्षों में 50 हजार और एक लाख सरकारी नौकरियों तक सीमित यूपी के युवाओं के
लिए साढ़े चार लाख नौकरियां कल्पना में भी नहीं थीं, लेकिन योगी ने इसे यकीन
में बदल दिया। राज्य सरकार ने 3.50 लाख युवाओं को संविदा पर सरकारी
नियुक्ति भी दी। 82 लाख से अधिक नयी एम.एस.एम.ई. इकाइयों को 2 लाख 16
हजार करोड़ रु. से अधिक का ऋण उपलब्ध कराकर लगभग 2 करोड़ से ज्यादा
लोगों को रोजगार दिया ।
ओडीओपी सेक्टर में 8,875 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित कर 25 लाख
से अधिक को रोजगार से जोड़ दिया। ओडीओपी के 11296 उत्पाद अमेजन की
वेबसाइट पर उपलब्ध करा कर दुनिया के बड़े ब्रांडों के मुकाबले खड़ा कर दिया।
औद्योगिक इकाइयों में 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला। स्टार्टअप नीति
के अन्तर्गत 5 लाख युवाओं को रोजगार मिले। यह आंकड़े महज एक बानगी भर हैं।
योगी सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में हर तबके में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष
रूप में करीब 2 करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ा। रोजगार पाने वाले ये 2 करोड़
युवा योगी और भाजपा के लिए चुनाव में बड़ी ताकत बन सकते हैं। राजनीतिक
जानकारों की मानें तो एक युवा पर औसतन परिवार के चार सदस्यों के पालन
पोषण का जिम्मा होता है। इस लिहाज से युवाओं की यह टीम करीब 8 करोड़
लोगों को सीधे प्रभावित करती है। इस लिहाज से आने वाले चुनाव में योगी सरकार
के लिए ये युवा ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं।