शी जिनपिंग से मिले मोदी, द्विपक्षीय सहयोग पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले और और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इससे वुहान में उनकी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद संबंधों में आयी गर्माहट को कायम रखने के दोनों देशों के प्रयास के संकेत मिलते हैं. दोनों नेताओं की बैठक चीन के शहर वुहान में अनौपचारिक बातचीत के करीब छह सप्ताह बाद हुई. इस अनौपचारिक बातचीत का उद्देश्य पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना और विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करना है. बैठक से पहले दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फोटोग्राफरों को तसवीर लेने का मौका दिया.
मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत और चीन के बीच मजबूत और स्थिर संबंध स्थिर और शांतिपूर्ण विश्व की प्रेरणा दे सकते हैं. उन्होंने वुहान में शी के साथ हुई अनौपचारिक वार्ता को भी याद किया. अधिकारियों ने कहा था कि यहां द्विपक्षीय बैठक में मोदी और शी 27-28 अप्रैल को वुहान अनौपचारिक वार्ता में किये गये फैसलों के क्रियान्वयन की प्रगति का जायजा ले सकते हैं. वुहान में बातचीत के बाद , मोदी और शी ने भविष्य में डोकलाम जैसी स्थिति से बचने के प्रयासों के तहत , भरोसा और विश्वास पैदा करने के लिए संवाद मजबूत करने के लिए अपनी सेनाओं को ‘रणनीतिक दिशानिर्देश ' जारी करने का फैसला किया था.
दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढाने के तरीकों पर चर्चा की थी. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में गतिरोध पैदा हो गया था. मोदी के अन्य एससीओ देशों के नेताओं के साथ करीब आधा दर्जन द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है. यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान को इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.