कोर्ट में पीयूष जैन का कुबूलनामा, बताया आखिर किसकी है बरामद हुई अकूत दौलत
इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain)को सोमवार रिमांड मजिस्ट्रेट ने चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दस जनवरी तक उसका न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया गया है। इससे पहले कोर्ट में अभियोजन अधिकारी और बचाव पक्ष के बीच लंबी बहस चली। अभियोजन अधिकारी ने बरामदगी संबंधी जानकारी न्यायालय को दी और न्यायिक रिमांड मांगा वहीं बचाव पक्ष ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए रिमांड को निरस्त करने की अर्जी दी थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain)को सोमवार जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया। जीएसटी अधिकारी उसे जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को बाहर तैनात कर दिया गया। जीएसटी की ओर से विशेष अभियोजन अधिकारी अंबरीश टंडन ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए। सभी नियमों का पालन करते हुए गिरफ्तारी करने की बात कहते हुए आरोपित का न्यायिक रिमांड मांगा। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जतायी गई।उन्होंने कहा मामला आर्थिक अपराध से जुड़ा हुआ है। जीएसटी इंटेलीजेंस ने गलत तरीके से गिरफ्तारी की है।इसमें सात वर्ष से अधिक की सजा नहीं है फिर भी उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया।इस आधार पर उन्होंने रिमांड निरस्त करने की अपील की ।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।जबकि रिमांड निरस्त करने की बचाव पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया।