खाद्य तेल के आयात से हटेंगे कई तरह के टैक्स, साल 2024 से राहत का इंतजाम
केंद्र सरकार ने 20 लाख मीट्रिक टन तेल आयात को सीमा शुल्क, कृषि अवसंरचना और विकास उपकर की शून्य दर पर आयात की अनुमति दी है। नियम 31 मार्च 2024 के बाद लागू होगा। मतलब, आपको राहत के लिए इंतजार करना होगा।
केंद्र सरकार कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात पर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने 20 लाख मीट्रिक टन तेल आयात को सीमा शुल्क, कृषि अवसंरचना और विकास उपकर की शून्य दर पर आयात की अनुमति दी है। मतलब ये कि 20 लाख मीट्रिक टन तेल आयात पर ये कर नहीं लगेंगे।
यह नियम 31 मार्च 2024 के बाद हर साल के लिए लागू होगा। आसान भाषा में समझें तो हर साल 20 लाख मीट्रिक टन तेल के आयात पर कर नहीं देना होगा। बहरहाल, सरकार के फैसले से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की कीमतों में गिरावट होगी। हालांकि, इस राहत के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। आपको बता दें कि इन तेलों का इस्तेमाल खाना बनाने के अलावा कई अन्य काम के लिए भी होते हैं।
बता दें कि भारत 60 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेल आयात करता है। बीते कुछ माह में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के अलावा इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर पाबंदी से आयात प्रभावित हुई है। इस वजह से वैश्विक के साथ घरेलू बाजार में भी खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, सरकार ने पिछले साल कीमतों में कटौती को लेकर कई अहम फैसले भी लिए थे।