पुरानी शराब नीति के पहले पांच दिन में 269 करोड़ का राजस्व, 500 दुकानों को लाइसेंस जारी
दिल्ली में पुरानी शराब नीति लागू होने के बाद पहले पांच दिन में 269 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। यह राजस्व उत्पाद शुल्क, लाइसेंस शुल्क और शराब बिक्री को मिलाकर मिला है। दिल्ली में चार सरकारी विभागों को शराब बिक्री के लिए 500 दुकानों का लाइसेंस दिया गया है।
अब तक दिल्ली में 387 शराब की दुकानें खुल पाई हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों की मानें तो अगले कुछ दिनों में सभी शराब की दुकानें खुल जाएंगी। दुकानों में छह प्रीमियम दुकानें हैं, जो शॉपिंग मॉल के अंदर खुली हैं।
आबकारी विभाग के मुताबिक, दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने व अलग-अलग ब्रांड के शराब के पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है। कुल 700 शराब की दुकानें खोली जानी हैं। दिल्ली में अभी जो शराब के लाइसेंस दुकानों के लिए दिए गए हैं वह जनवरी 2023 तक के लिए हैं। इसके अलावा 926 होटल, क्लब और रेस्तरां के बार लाइसेंस को नवीनीकृत किया गया है। यह लाइसेंस फरवरी 2023 तक के लिए किया गया है। सरकार का कहना है कि शहर में शराब की कालाबाजारी ना हो, इसके लिए 33 टीमों का भी गठन किया गया है।
विभाग के मुताबिक, दिल्ली में शराब की आपूर्ति के लिए 72 थोक आपूर्तिकर्ताओं ने 600 ब्रांड पंजीकृत किए हैं, जिनमें से 430 ब्रांड (195 भारतीय और 235 विदेशी) के साथ 60 थोक आपूर्तिकर्ता को लाइसेंस दिया गया है। दिल्ली में सभी तरह के ब्रांड उपलब्ध हों इसके लिए आने वाले दिनों में 1000 से अधिक ब्रांड दिल्ली के बाजार में लाए जाएंगे।
आबकारी विभाग का दावा है कि दिल्ली में वर्तमान में शराब की कोई कमी नहीं है। 12 दिन से अधिक के लिए पर्याप्त शराब उपलब्ध है। विभाग ने कहा कि लोगों की सहूलियत के लिए एम-आबकारी मोबाइल ऐप भी शुरू किया गया है, जिसमें आपूर्तिकर्ता, विक्रेता और खरीदार के लिए कारगर होगा।