उत्तराखण्ड पुलिस मंथन- चुनौतियाँ एवं समाधान’’सीएम धामी ने पुलिस अधिकारियो क़ो दिया सख्त निर्देश

By Tatkaal Khabar / 25-12-2022 08:57:32 am | 5326 Views | 0 Comments
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देराहदून:मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय देहरादून में ‘‘ उत्तराखण्ड पुलिस मंथन- चुनौतियाँ एवं समाधान’’ की थीम पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट एवं सशक्त बनाने के लिए फिटनेस और परसेप्शन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तराखण्ड पुलिस के इस तीन दिवसीय मंथन में राज्य में कानून और व्यवस्था को और मजबूत बनाने एवं जन सरोकारों से जुड़े मामलों पर भी मंथन हो पुलिस मुख्यालय में पुलिस सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के अंदर चल रहे मदरसों में सृजनात्मक शिक्षा देने के लिए विशेष सर्वे कर गति देने एवं देवभूमि उत्तराखंड के अंदर अवांछनीय तत्वों के आकर बस जाने को लेकर पुलिस विभाग द्वारा विशेष शक्ति के साथ इनकी पहचान करने के निर्देश दिए इससे आमजन के साथ पुलिस को बेहतर समन्वय बनाने में भी मदद मिलेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा पुलिस द्वारा समय-समय पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में पुलिस कांस्टेबल के एक हजार पदों पर भर्ती की जायेगी। जिन 1521 पुलिस कांस्टेबलों के भर्ती प्रक्रिया गतिमान है, उनकी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने तक 1521 पीआरडी जवानों द्वारा अस्थाई सेवा भी प्रदान की जायेगी। अल्मोड़ा एवं श्रीनगर महिला थाना में साइबर थाने की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों के लिए बनाये जाने वाले चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव बनाये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए आधुनिक तकनीक पर अधिक ध्यान दिया जाए। साइबर क्राइम को रोकने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून का पालन करने वालों के साथ मित्र पुलिस की तरह व्यवहार किया जाए। यदि कोई कानून व्यवस्थाओं को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं, तो ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई भी की जाए। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान लगातार चलाया जाए। भ्रष्टाचार करने वालों पर भी सख्त कारवाई की जाए। ट्रैफिक व्यवस्थाओं का बेहतर संचालन किया जाए। जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए। नो पेंडेंसी के आधार पर कार्य किये जाएं। महिला सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोगों के फोन कॉल रिसीव करें, यदि किसी बैठक में व्यस्त हैं, तो बाद में कॉल कर जानकारी लें। कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।