UN की रिपोर्ट 2050 तक सूख जाएंगी भारत की प्रमुख नदियां, पाकिस्तान और चीन में भी होगा जल संकट
भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन पर पानी के संकट का खतरा मंडरा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रमुख नदियां साल 2050 तक सूख जाएंगी. जिसके चलते भारत पानी समस्या से बुरी तरह से जूझेगा. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में पानी का संकट होगा. इसके साथ ही भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन में भी स्थिति खराब होगी. इसके साथ ही कई नदियों में बहाव की स्थिति भी कमजोर हो जाएगी.
पानी के संकट से जूझेगी 1.7-2.40 बिलियन शहरी आबाजी
संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 बिलियन यानी 170 करोड़ से 240 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझेगी. संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी. अब संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूनाइटेड नेशंस ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की है.
यूएन की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में करीब 80 फीसदी आबादी पानी के संकट से जूझ रही है. ये संकट सबसे ज्यादा पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान में सबसे ज्यादा है. यूएन ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि इस संकट का सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियर पिघलने के कारण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा.
अभी भी 26 फीसदी लोगों को नहीं मिल रहा साफ पानी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अभी दुनिया की 26 फीसदी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है. जबकि 46 फीसदी आबादी सुरक्षित पेय जल का लाभ उठा रही है. यूएन की ओर से यूनेस्को की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के दो से तीन बिलियन लोग साल में कम से कम एक महीने पानी की कमी से जूझते हैं. यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये संकट आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ़ने वाला है.
क्या बोले यूनेस्को के महानिदेशक आंड्रे एजोले?
यूनेस्को (UNESCO) के महानिदेशक आंड्रे एजोले ने कहा है कि इस वैश्विक संकट से बाहर निकलने से पहले तत्काल अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था से निकलने की जरुरत है. यूएन रिपोर्ट के एडिटर इन चीफ ने कहा है कि, "जल मानवता के लिए खून की तरह है. यह लोगों के जीवन, स्वास्थ्य, लचीलेपन, विकास के लिए जरूरी है." उन्होंने ने कहा कि, "समय हमारे साथ नहीं है और करने को बहुत कुछ है. ये रिपोर्ट दर्शाती है कि हमारा उद्देश्य साथ आकर एक्शन लेने का है. बदलाव लाने का ये हमारा समय है."