कुंडली में है कालसर्प दोष, 4 तरह के सपने कर सकते हैं परेशान
Kaalsarp Dosh In Kundali : जब किसी व्यक्ति का बुरा समय चल रहा होता है, तो ऐसे में उस व्यक्ति को हर काम में असफलता प्राप्त होती है. साथ ही मानसिक तनाव बढ़ता है और बीमारियां घेर लेती हैं. ज्योतिष शास्त्र में इन सबका कारण कुंडली में दोष का होना बताया जाता है. काल सर्प दोष इन्ही में से एक प्रमुख दोष होता है. कालसर्प दोष के कारण ग्रहों के शुभ फल देने की क्षमता समाप्त हो जाती है. ऐसे जातक को 42 साल की उम्र तक परेशानियां झेलनी पड़ सकती है, लेकिन कई बार कुछ लोगों की कुंडली में काल सर्प योग शुभ प्रभाव देता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं उन जातकों के बारे में जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है और उन्हें किस तरह के सपने आते हैं. साथ ही बता रहे हैं इसके ज्योतिषी उपायों के बारे में.4
कुंडली में हो कालसर्प दोष तो दिखाई देते हैं ऐसे सपने
1. यदि किसी व्यक्ति को सोते हुए सांपों के सपने आते हैं या वे सांप को अपने शरीर पर चढ़ते हुए देखता है और घबराकर उठ जाता है. तो उसे यह समझ लेना चाहिए कि उसकी कुंडली में काल सर्प दोष है.
2. यदि किसी व्यक्ति को अपने सपने में सांपों का जोड़ा एक साथ हाथ या पैर में लिपटा हुआ दिखाई दे या डसता हुआ दिखाई दे, तो यह भी काल सर्प दोष का प्रतीक है.
3. यदि कोई व्यक्ति पानी पर तैरता हुआ सांप देखता है. तो यह काल सर्प दोष का सूचक है. इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति अपने सपने में सांप को उड़ता हुआ देखता है. तो यह भी काल सर्प दोष को दर्शाता है.
4. यदि कोई व्यक्ति अपने सपने में अनगिनत सांपों को देखता है. तो यह घातक कालसर्प दोष का प्रतीक है. ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्ति को अपने इष्ट देवता का पूजन अवश्य करना चाहिए.
कालसर्प दोष दूर करने के उपाय
1. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बन रहा हो, तो ऐसे व्यक्ति को नियमित रूप से प्रतिदिन भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए.
2. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को गोमेद या फिर चाँदी की धातु से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी धारण करना भी फ़ायदेमंद होता है.
3. कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार के दिन बहते हुए जल में थोड़े से कोयले को प्रभावित करना शुभ होगा. इस उपाय से व्यक्ति को होने वाली परेशानियां कम हो सकती है.
4. इसके अलावा जटा वाले नारियल और मसूर की दाल को बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष का बुरा प्रभाव कम होता है.